यमन में संघर्ष का कोई अंत नहीं दिखना निराशाजनक: भारत

यमन में संघर्ष का कोई अंत नहीं दिखना निराशाजनक: भारत

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  • Publish Date - February 19, 2021 / 10:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 19 फरवरी (भाषा) भारत ने कहा है कि यह निराशाजनक है कि यमन में दशक भर से जारी संघर्ष का कोई अंत नहीं दिख रहा है। भारत ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका ऐसा शांतिपूर्ण राजनीतिक समझौता है जो सभी हितधारकों की वैध चिंताओं को ध्यान में रखे।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने चिंता जताते हुए कहा कि यमन के लोगों के समक्ष उत्पन्न आर्थिक, सुरक्षा और राजनीतिक चुनौतियों बढ़ी हैं जिससे उन्हें मानवीय सहायता की तीव्र आवश्यकता उत्पन्न हुई है।

तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को मध्य पूर्व (यमन) के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में कहा कि यह देखना ‘‘निराशाजनक’’ है कि एक दशक बाद भी, यमन में संघर्ष का कोई अंत नहीं दिख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज, देश की एक बड़ी आबादी की भोजन तक विश्वसनीय पहुंच नहीं है। बच्चों में कुपोषण उच्च स्तर पर पहुंच गया है… यमन में मानवीय स्थिति में योगदान देने वाले अंतर्निहित कारकों का तत्काल समाधान किये जाने की आवश्यकता है।’’

परिषद को चेतावनी देते हुए संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन राहत समन्वयक मार्क लाऊकॉक ने कहा कि यमन में कुपोषण की दर ‘‘रिकॉर्ड ऊंचाई’’ पर है क्योंकि देश गंभीर अकाल की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

तिरुमूर्ति ने कहा कि सबसे अधिक आवश्यकता संघर्ष को समाप्त करने की है क्योंकि संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में गंभीर खाद्य असुरक्षा है।

भारत ने सभी पक्षों से तुरंत हिंसा छोड़ने और हुदायदाह समझौते के युद्धविराम प्रावधानों को लागू करने का आह्वान किया।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश