जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए मालदीव पहुंचे

जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए मालदीव पहुंचे

जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए मालदीव पहुंचे
Modified Date: August 9, 2024 / 09:39 pm IST
Published Date: August 9, 2024 9:39 pm IST

माले, नौ अगस्त (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति में मालदीव एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और वह द्वीपसमूह राष्ट्र के नेतृत्व के साथ ‘‘सार्थक वार्ता’’ को लेकर आशान्वित हैं।

जयशंकर मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे। द्वीपसमूह देश में पिछले साल चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद भारत की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।

उनकी मालदीव यात्रा जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा के कुछ हफ्तों बाद हो रही है।

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चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के नवंबर 2023 में शीर्ष कार्यालय का पदभार संभालने के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी।

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मालदीव पहुंचकर खुशी हुई। हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने के लिए विदेश मंत्री मूसा जमीर को धन्यवाद। हमारी ‘पड़ोस प्रथम’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण में मालदीव एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नेतृत्व के साथ सार्थक वार्ता को लेकर आशान्वित हूं।’’

जमीर ने कहा कि उन्हें मालदीव की आधिकारिक यात्रा पर जयशंकर का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘मालदीव तथा भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए सार्थक चर्चा की उम्मीद है।’’

जून 2024 में दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभालने के बाद से जयशंकर की मालदीव की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। उनकी पिछली यात्रा जनवरी 2023 में हुई थी।

जयशंकर की 11 अगस्त तक की तीन दिवसीय यात्रा मालदीव के उनके समकक्ष मूसा जमीर के निमंत्रण पर हो रही है।

उम्मीद है कि जयशंकर राष्ट्रपति मुइज्जू से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे और मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा के लिए जमीर के साथ आधिकारिक बातचीत भी करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा से पहले एक बयान में कहा, ‘‘मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति तथा हमारे ‘सागर’ दृष्टिकोण यानी पूरे क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करना तथा द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के तरीके तलाशना है।’’

मालदीव के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों मंत्री उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं और भारतीय एक्जिम बैंक की क्रेडिट सुविधा के तहत पूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे तथा क्षमता निर्माण, वाणिज्य और व्यापार क्षेत्रों पर समझौता ज्ञापन के आदान-प्रदान करेंगे।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश


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