नई दिल्ली। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को यूएन आज वैश्विक आतंकवादी घोषित कर सकता है। इसके लिए यूनाइटेड नेशन की बैठक होगी। बता दें, कि पुलवामा हमले के बाद ब्रिटेन, फ्रांस और रूस ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव दिया है। अगर अजहर वैश्विक आतंकी घोषित हो जाता है तो उसकी वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध लग जाएगा, संपत्ति जब्त हो जाएगी और हथियार रखने पर पाबंदी लग जाएगी।
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चीन कर सकता है चालाकी
पठानकोट आतंकी हमले के बाद से मसूद अजहर के खिलाफ यह प्रस्ताव चौथी बार लाया गया है। पिछले सभी मामलों में चीन इस प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक’ लगा चुका है। सूत्रों के अनुसार, चीन का तर्क है कि मसूद अजहर को जेएएम से ताल्लुक रखने के पर्याप्त सबूत या जानकारी नहीं है।संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने इस प्रक्रिया को समझाते हुए कहा, ‘अगर साईलेंस पीरियड, जिसमें सुरक्षा परिषद का कोई सदस्य आपत्ति उठाता है, 13 मार्च को खत्म हो जाता है तो मसूद अजहर को 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल कर लिया जाएगा। प्रतिबंध समिति द्वारा उसे सूची में रखे जाने के बाद काउंसिल द्वारा इसे अनुमोदित कर दिया जाएगा।
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आपको बतादें प्रतिबंध समिति के सदस्य और सुरक्षा परिषद में समान 15 देश हैं। सभी सदस्य राज्यों को फैक्स या आपत्ति पत्र परिषद को भेजना है। इसके लिए कोई बैठक नहीं होगी। यदि कोई आपत्ति नहीं है, तो दोपहर 3 बजे के बाद अजहर अपने आप प्रतिबंधित या सूचीबद्ध हो जाएगा, जिसके बाद परिषद से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाएगी। लेकिन, अगर प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाई जाती है, तो इसपर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की जाएगी।
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सूत्रों के मुताबिक, इस बार भारत ने मसूद अजहर का संबंध जेएएम से होने के सबूत टेप के रूप में दिए हैं। यूएनएससी को सौंपे गए डोजियर में, जैश प्रमुख के रूप में मसूद अजहर के बोलने के ऑडियो टेप प्रस्तुत किए गए हैं। इसके बावजूद, प्रस्ताव पर चीन की प्रतिक्रिया में बहुत कम बदलाव नजर आ रहा है।