वेनेजुएला में दाने-दाने के लिए मोहताज लोग, ब्लैक आउट में बढ़ी लूट, हत्या की वारदातें | Black out in Venezuela looted, murderous cases

वेनेजुएला में दाने-दाने के लिए मोहताज लोग, ब्लैक आउट में बढ़ी लूट, हत्या की वारदातें

वेनेजुएला में दाने-दाने के लिए मोहताज लोग, ब्लैक आउट में बढ़ी लूट, हत्या की वारदातें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : March 12, 2019/11:39 am IST

वेनेजुएला । देश में लगातार बिगड़ रहे हालातों के बीच राष्ट्रपति निकोलस मादुरो देश की सत्ता नहीं छोड़ना चाहते। वहीं विपक्ष लगातार दवाब बढ़ाता जा रहा है। पक्ष-विपक्ष के संघर्ष के बीच देश में परिस्थितियां असामान्य रूप से खराब हुई हैं। वेनेजुएला में मुद्रास्फीति की दर आसमान छू रही हैं। वहीं पिछले 4 दिनों से जारी ब्लैक आउट से राजधानी काराकस में हजारों जगहों पर लूटपाट की खबरें हैं। राजनीतिक उथल-पुथल के चलते कीमतों पर से सरकारी नियंत्रण खत्म हो गया है। उपभोग की वस्तुओं की आपूर्ति ना होने से कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीजों के लिए लोग हत्या तक कर दे रहे हैं।

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यह दक्षिण अमेरिकी देश आम तौर पर पेट्रोलियम के मामले में बहुत समृद्ध है। इस देश ने ह्यूगो शावेज के कार्यकाल में काफी तरक्की भी की है। लेकिन, देश में उत्पन्न विषम परिस्थितियों के कारण हाल के वर्षों में 30 लाख से अधिक लोगों ने वेनेजुएला को छोड़ दिया है। पिछले कुछ महीनों से बिजली कटौती, भोजन और दवा की कमी ने लोगों के विस्थापन को और ज्यादा बढ़ाया है।इंटरनेट, मोबाइल फोन्स, बैंक, क्रेडिट कार्ड मशीन, इलेक्ट्रिक कुकर, एसी के बिना सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है।

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वेनेजुएला में  23 जनवरी 2019 की नाटकीय घटना के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसी दिन विधायक दल के नेता जुआन गुएडो ने खुद को वेनेजुएला का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। गुएडो का यह कदम राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की शक्ति के लिए एक सीधी चुनौती थी, जिन्होंने दो सप्ताह पहले ही दूसरे छह साल के कार्यकाल के लिए शपथ ली थी। राष्ट्रपति मादुरो ने अपने प्रतिद्वंद्वी गुएडो के इस कदम को देश के खिलाफ बताया और इसे अमेरिका द्वारा उन्हें पद से हटाने के लिए एक चाल के रूप में जनता के समक्ष प्रस्तुत किया। मादुरो ने यह भी कहा कि वही संवैधानिक अध्यक्ष थे और आगे भी रहेंगे।

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निकोलस मादुरो के पहले कार्यकाल के दौरान वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई और कई लोगों ने उन्हें और उनकी समाजवादी सरकार को इस गिरावट के लिए दोषी ठहराया। विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद मादुरो को मई 2018 में विवादास्पद चुनावों में दूसरे छह साल के कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया। इस चुनाव का अधिकांश विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था।इस चुनाव में कई विपक्षी उम्मीदवारों को न केवल चुनाव लड़ने से रोका गया जबकि, अन्य को जेल में डाल दिया गया। इनमें से कुछ तो कैद होने के डर से देश छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद विपक्षी दलों ने कहा था कि मादुरो के ऐसे व्यवहार से मतदान न तो स्वतंत्र होगा और न ही निष्पक्ष होगा। बड़ी बात यह रही कि मादुरो के रिइलेक्शन को वेनेजुएला की विपक्षी-नियंत्रित नेशनल असेंबली ने मान्यता नहीं दी थी।मादुरो के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेते ही यह विवाद फिर से बढ़ गया। नेशनल असेंबली का तर्क है कि क्योंकि चुनाव निष्पक्ष नहीं था इसलिए मादुरो का शपथग्रहण बेकार है और देश का राष्ट्रपति पद खाली है।अब इसे लेकर नेशनल असेंबली के नेता और विपक्ष के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले 35 वर्षीय जुआन गुएडो आंदोलन चला रहे हैं। उन्हें अमेरिका समेत कई बड़े देशों का समर्थन प्राप्त है।

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कहा जा रहा है कि इस संकट को वेनेजुएला की सेना खत्म कर सकती है। वहां की सुरक्षा बलों को इस संकट में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है। अब तक सेना मादुरो के प्रति वफादार रही है। इसके फलस्वरूप मादुरो ने सेना को लगातार वेतन वृद्धि के साथ पुरस्कृत किया। प्रमुख पदों और उद्योगों के नियंत्रण में उच्च रैंकिंग वाले सैन्य अधिकारियों को रखा गया।

 
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