वर्ष 1953 के माउंट एवरेस्ट अभियान के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का 92 वर्ष की आयु में निधन

वर्ष 1953 के माउंट एवरेस्ट अभियान के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का 92 वर्ष की आयु में निधन

वर्ष 1953 के माउंट एवरेस्ट अभियान के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का 92 वर्ष की आयु में निधन
Modified Date: October 16, 2025 / 06:33 pm IST
Published Date: October 16, 2025 6:33 pm IST

काठमांडू, 16 अक्टूबर (एपी) विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहली बार विजय प्राप्त करने वाले पर्वतारोहण अभियान दल के एकमात्र जीवित सदस्य कांचा शेरपा का बृहस्पतिवार को निधन हो गया।

पर्वतारोहण संगठन ‘नेपाल माउंटेनियरिंग एसोसिएशन’ के अध्यक्ष फुर गेल्जे शेरपा ने कहा कि कांचा शेरपा ने 92 साल की उम्र में काठमांडू जिले के कापन स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली।

उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि कांचा शेरपा कुछ समय से बीमार थे और उनके निधन से पर्वतारोहण इतिहास का एक अध्याय समाप्त हो गया है।

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पर्वतारोहण संगठन के अध्यक्ष के अनुसार, कांचा शेरपा का अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।

कांचा शेरपा उस टीम के 35 सदस्यों में शामिल थे, जिसने 29 मई 1953 को न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और उनके शेरपा गाइड तेनजिंग नोर्गे को 8,849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचाया था। वह हिलेरी और तेनजिंग के साथ चोटी पर पहुंचने से पहले अंतिम शिविर तक पहुंचने वाले तीन शेरपाओं में से एक थे।

वर्ष 1933 में माउंट एवरेस्ट के प्रवेश द्वार नामचे बाजार में जन्मे कांचा शेरपा ने 19 वर्ष की आयु में पर्वतारोहण शुरू किया था और 50 वर्ष की आयु तक इस अभियान में सक्रिय रहे।

मार्च 2024 में एसोसिएटेड प्रेस के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर भीड़भाड़ और गंदगी के बारे में चिंता व्यक्त की थी, और लोगों से पर्वत को देवी के रूप में सम्मान देने की आवश्यकता पर जोर दिया था।

उन्होंने कहा था, ‘‘पर्वतारोहियों की संख्या कम करना पहाड़ के लिए बेहतर होगा।’’

कांचा शेरपा के परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटे, दो बेटियां और पोते-पोतियां हैं।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश


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