Citizenship Cancels Latest News: 25 हजार से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की नागरिकता एक झटके में ख़त्म.. बैंक खाता भी फ्रीज, जानें क्या है इसकी वजह

कुवैत सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के अगस्त से अब तक 37 हजार लोगों का सिटिजनशिप छीना जा चुका है। इनमें करीब 26 हजार महिलाओं का नाम शामिल हैं।

Citizenship Cancels Latest News: 25 हजार से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की नागरिकता एक झटके में ख़त्म.. बैंक खाता भी फ्रीज, जानें क्या है इसकी वजह

Kuwait Cancels Muslim Womens Citizenship || Image- The Times of Israel

Modified Date: May 26, 2025 / 07:14 am IST
Published Date: May 26, 2025 7:14 am IST
HIGHLIGHTS
  • कुवैत ने 25,000+ महिलाओं की नागरिकता रद्द की, ज्यादातर विवाह से प्राप्त नागरिकता वाली।
  • नागरिकता रद्द होने वालों के बैंक खाते फ्रीज, सरकारी सेवाओं पर भी रोक।
  • 2023 से अब तक 37,000 लोगों की नागरिकता छीनी, 1 लाख से अधिक पहले से बिना नागरिकता के।

Kuwait Cancels Muslim Womens Citizenship: कुवैत: दुनिया के सबसे अमीर देशों में शुमार मुस्लिम देश कुवैत की सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। यहाँ की सरकार ने करीब 25 हजार से ज्यादा महिलाओं और दूसरे लोगों की नागरिकता रद्द कर दी है। इनमें ज्यादातर महिलाएं वो है जिन्होंने कुवैत के पुरुषों से विवाह कर देश की नागरिकता हासिल की थी।

Read More: SRH vs KKR Highlights: कोलकाता नाइट राइडर्स की करारी हार, हैदराबाद ने 110 रनों से दी पटखनी, क्लासेन ने महज इतने ही गेंदों में लगाया शतक 

इतना ही नहीं बल्कि जिनकी नागरिकता रद्द की गई है उनके बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए है। सरकार ने ऐसे लोगों की सरकारी सेवाओं पर भी रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।

 ⁠

Read Also: UP News: जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद के हाथ में हुआ फ्रैक्चर, मंदाकिनी नदी की सफाई के दौरान हुआ हादसा 

Kuwait Cancels Muslim Womens Citizenship: कुवैत सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के अगस्त से अब तक 37 हजार लोगों का सिटिजनशिप छीना जा चुका है। इनमें करीब 26 हजार महिलाओं का नाम शामिल हैं। हालांकि मीडिया का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। गौर करने वाली बात यह भी है कि, कुवैत में पहले से ही हजारों लोग ऐसे हैं जिनके पास सिटिजनशिप नहीं है। 1961 में ब्रिटिश सुरक्षा से आजादी के बाद भी करीब 1 लाख लोगों को नागरिकता नहीं दी गई थी। नागरिकता न होने पर लोगों को आम दिनचर्या के कार्यों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इनके सरकारी कामकाज, बैंक से जुड़े काम पर खासा असर पड़ा है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown