फिलीपीन में नौका में आग लगने के बाद 80 से ज्यादा लोगों को बचाया गया

फिलीपीन में नौका में आग लगने के बाद 80 से ज्यादा लोगों को बचाया गया

फिलीपीन में नौका में आग लगने के बाद 80  से ज्यादा लोगों को बचाया गया
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: August 27, 2022 12:34 pm IST

मनीला, 27 अगस्त (एपी) मनीला के दक्षिण में स्थित एक बंदरगाह की तरफ जाते समय एक नौका में आग लगने के बाद तटरक्षक और अन्य बचावकर्मियों ने 80 से ज्यादा यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को बचाया। हवा के कारण आग की लपटें तेजी से फैलने लगी थी, जिससे बचने के लिए कई लोग पानी में कूद गए थे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

तटरक्षक बल ने कहा कि केवल दो यात्रियों का कोई पता नहीं है और अधिकारी जांच कर रहे हैं कि क्या दोनों लापता हैं या उन्हें बचा लिया गया है और वे शुक्रवार को तलाशी अभियान का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को सूचित किए बिना तुरंत घर चले गए। प्राप्त सूचना के अनुसार, एम/वी एशिया फिलीपींस में 49 यात्री और चालक दल के 38 सदस्य थे।

बचाये गए यात्रियों में से एक के अनुसार, ओरिएंटल मिंडोरो प्रांत के कालापन शहर से आई नौका बटांगस बंदरगाह से करीब एक किलोमीटर दूर थी, तभी नौका के दूसरे डेक से धुआं निकलने लगा और आग की लपटें उठीं।

 ⁠

बंदरगाह से नौका की निकटता की वजह से तटरक्षक जहाजों और आसपास के जहाजों और टगबोट द्वारा यात्रियों और अन्य को तेजी से बचाने में मदद मिली। तटरक्षक बल के अधिकारियों ने कहा कि एक जहाज ने आग बुझाने में तटरक्षकों की मदद की। नौका पर कम से कम 16 कारें और ट्रक भी थे।

बेनेडिक्ट फर्नांडीज नामक यात्री ने शुक्रवार रात को ‘डीजेडएमएम’ रेडियो से कहा, ‘‘मैंने अपने बच्चों को पानी में धक्का दे दिया क्योंकि अगर हम ऊपर से नहीं कूदते, तो हम वास्तव में झुलस जाते क्योंकि हमारे पैर आग की जलन महसूस कर रहे थे।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें आग लगी नौका के पास पहुंची अन्य नौका के जरिए बचाया गया और फिर उन्हें टगबोट तक ले जाया गया जो उन्हें तट तक लेकर गया।

तटरक्षक द्वारा जारी बचाव की तस्वीर में 43 वर्षीय महिला यात्री को दिखाया गया जिसे बाद में अस्पताल ले जाया गया। फर्नांडीज ने कहा कि उन्हें और उनके दो बच्चों को अधिकारी होटल ले गए।

तटरक्षक बल ने कहा कि नौका 400 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है।

एपी सुरभि अमित

अमित


लेखक के बारे में