आतंकवादी कृत्यों के लिए बहाने दिए जाने के प्रति सावधान रहने की जरूरत : भारत |

आतंकवादी कृत्यों के लिए बहाने दिए जाने के प्रति सावधान रहने की जरूरत : भारत

आतंकवादी कृत्यों के लिए बहाने दिए जाने के प्रति सावधान रहने की जरूरत : भारत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : January 11, 2022/12:01 pm IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 11 जनवरी (भाषा) भारत ने कहा है कि देशों को आतंकवादी कृत्यों के लिए बहाने देने के बारे में सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि आतंकवाद के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता है और मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक का मुकाबला करने के लिए इस मुद्दे पर खुद को बांटा नहीं जाना चाहिए।

भारत फिलहाल वर्ष 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद रोकथाम समिति की अध्यक्षता कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “भारत इस साल आतंकवाद रोकथाम समिति की अध्यक्षता करेगा। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सुरक्षा परिषद में आतंकवाद का मुकाबला हमारी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है और हम अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं।”

भारत वर्तमान में 15-राष्ट्रों की सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है और इसका दो साल का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त होगा। दिसंबर महीने में भारत अपने कार्यकाल में दूसरी बार शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र निकाय की अध्यक्षता करेगा।

भारत अगस्त 2021 में सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष था। तिरुमूर्ति इस वर्ष के लिए आतंकवाद रोकथाम समिति के नए अध्यक्ष हैं।

आतंकवाद रोकथाम समिति 9/11 आतंकवादी हमलों के मद्देनजर 2001 में गठित हुई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्ताव 1373 (2001) ने आतंकवाद रोधी समिति को परिषद के सहायक निकाय के तौर पर स्थापित किया था।

तिरुमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद ने आतंकवाद को मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक माना है।

उन्होंने कहा, “हम आतंकवाद के सभी रूपों एवं प्रकटीकरण के खिलाफ एकजुट रहने के महत्व को लगातार उजागर कर रहे हैं, और अपनी साझा प्रतिबद्धताओं को कम करने के खिलाफ सजग बने हुए हैं।” साथ ही कहा कि अमेरिका में 9/11 हमलों से पहले और आतंकवाद रोधी समिति के गठन से पहले, दुनिया ‘मेरे आतंकवादी’ और ‘तुम्हारे आतंकवादी’ के बीच बंटी हुई थी।

तिरुमूर्ति ने कहा, “हमें उस दौर में वापस नहीं जाना चाहिए और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर खुद को बांटना नहीं चाहिए। हमें आतंकवादी कृत्यों के लिए बहाने देने में भी सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि आतंकवाद के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता है।”

तिरुमूर्ति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव की रिपोर्टों ने दुनिया भर में, विशेष रूप से अफ्रीका में आतंकवादी ताकतों के सिर उठाने को उजागर किया है।

भाषा

नेहा प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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