(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, छह अप्रैल (भाषा) नेपाल के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने रविवार को कहा कि पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र ने राजनीतिक दलों के साथ जो समझौता किया था कि वह संविधान का सम्मान करेंगे, उसका उन्होंने उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा,‘‘यदि वह संविधान के विरुद्ध गतिविधियों में लिप्त रहेंगे तो सरकार कार्रवाई करेगी।’’
गुरुंग ने लामजुंग जिले में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पूर्व नरेश ने अतीत में राजनीतिक दलों के साथ जो समझौता किया था कि वह संविधान का सम्मान करेंगे और देश की संप्रभु जनता को कमजोर करने वाली किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं बनेंगे, उसका उन्होंने उल्लंघन किया है।’’
उन्होंने कहा कि ज्ञानेन्द्र ने राजनीतिक दलों के साथ यह समझौता किया था कि सरकार उनकी मां, पूर्व रानी रत्ना राज्यलक्ष्मी शाह को नारायणहिती महल के एक हिस्से में रहने देगी तथा उन्हें काठमांडू के बाहरी इलाके में स्थित नागार्जुन महल में रहने की अनुमति देगी।
गुरुंग ने कहा कि सरकार ने उन्हें पूर्व राष्ट्राध्यक्ष के लिए निर्धारित सुविधाएं प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की थी और यह कि वह संविधान का सम्मान करेंगे तथा नेपाली नागरिकों के संप्रभु अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि लेकिन पूर्व राजा ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस के दौरान अपने बयान से समझौते का उल्लंघन किया है।
पूर्व नरेश ने कहा था कि ‘समय आ गया है कि वह देश को बचाने और राष्ट्रीय एकता बनाये रखने के लिए सक्रिय हो जाएं।’
गुरुंग ने कहा, ‘‘पूर्व नरेश के नाम पर कुछ संविधान विरोधी और व्यवस्था विरोधी तत्व पिछले कुछ समय से सिर उठा रहे हैं।’’
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, ‘‘हम एक लोकतांत्रिक सरकार के नाते इन गतिविधियों की अनुमति दे रहे थे, लेकिन अब जब उन्होंने हिंसा, अराजकता और लूटपाट का रास्ता चुना है, तो अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि सीपीएन-यूएमएल और नेपाली कांग्रेस के बीच का मौजूदा गठबंधन 2028 में होने वाले अगले संसदीय चुनाव तक सत्ता में रहेगा।
नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच 31 मार्च को भारत में नेपाल के राजदूत शंकर शर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और नेपाल-भारत संबंधों पर चर्चा की थी।
यह मुलाकात यहां तिनकुने इलाके में राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के तुरंत बाद हुई, जिसमें एक फोटो पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए।
‘माई रिपब्लिका’ के अनुसार नेपाल में योगी आदित्यनाथ को उनके मुद्दे के मुखर समर्थक के रूप में देखा जाता है। हाल में काठमांडू में एक रैली में राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों को इन भारतीय नेता की छवि वाले प्लेकार्ड ले जाते हुए भी देखा गया।
भाषा राजकुमार नरेश
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