काबुलः Nikah only for Sex अफगानिस्तान की कमान तालिबानियों के हाथ आने के बाद महिलाओं को यहां जीन मुहाल हो गया है। तालिबानी सरकार ने महिलाओंं पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी है। वहीं, तालिबानी लड़ाके लगातार महिलाओं के साथ शोषण कर रहे हैं। इस बात का खुलासा ऑस्ट्रेलिया की जानी-मानी जर्नलिस्ट लिन ओ’डॉनेल ने किया है। लिन ओडॉनेल ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्हें तालिबानी लड़कों ने तीन दिनों तक पिंजरे में कैद करके रखा और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर ही उन्हें रिहा किया गया। बता दें कि ऑस्ट्रेलियायी पत्रकार को ये सजा इसलिए दी गई थी क्योंकि उन्होंने महिलाओं के साथ शोषण का मुद्दा उठाया था।
Nikah only for Sex मिली जानकारी के अनुसार आतंकवादी संगठन ने लिन ओ’डॉनेल को 3 दिनों तक पिंजरे में बंद रखने के बाद सार्वजनिक माफी जारी करने के लिए मजबूर किया। फॉरिनपॉलिसीडॉटकॉम वेबसाइट के लिए लिखने वालीं लिन अकसर चर्चाओं में रहती हैं। लिन ने ट्वीट किया-“मैं और मसूद हुसैनी बामियान में तालिबान लड़ाकों द्वारा महिलाओं और लड़कियों से जबरन शादी-सेक्स स्लेवरी की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट करने गई थी। इसके बाद से वे थोड़े नाराज हैं।“ मसूद पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फ्रीलांसर फोटोग्राफर हैं। लिन ने बुधवार(20 जुलाई) को खुलासा किया कि उन्हें तालिबान द्वारा माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया था। जर्नलिस्ट ने इसका भी खुलासा किया है कि तालिबान ने चेतावनी दी थी कि या तो वे माफी मांगे या फिर जेल जाने तैयार रहें। तालिबान को लिन की LGBTQ लोगों पर उनकी रिपोर्टिंग भी मंजूर नही हुई। तालिबान का तर्क है कि अफगानिस्तान में एक भी समलैंगिक नहीं है।
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लिन एक इंटरनेशनल नेवल पर प्रशंसित युद्ध पत्रकार हैं। उन्होंने अफगानिस्तान में 20 सालों से अधिक मौके पर रिपोर्टिंग की है। हालांकि कथित नजरबंदी, उत्पीड़न और धमकियों के बाद वह वे 20 जुलाई को युद्धग्रस्त देश से पाकिस्तान के लिए चली गईं। फॉरेन पॉलिसी की वेबसाइट पर उनके बायोडेटा के अनुसार, ओ’डॉनेल 2009 और 2017 के बीच एजेंस फ्रांस-प्रेस वायर सर्विसेस और एसोसिएटेड प्रेस के लिए अफगानिस्तान में ब्यूरो चीफ रही हैं।
गौरतलब है कि तालिबान ने जब अफगानिस्तान की सत्ता हथियाई थी, तब अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक समावेशी समाज और समानता(का वादा किया था। हालांकि ऐसा दिखा नहीं। तालिबान ने 23 मार्च को लड़कियों को 6जी क्लास से आगे स्कूल जाने से रोक दिया था। इसके एक महीने बाद महिलाओं के ड्रेस कोड के खिलाफ एक फरमान जारी किया था। अफगानिस्तान में महिलाओं की आवाजाही, एजुकेशन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बैन हैं, जो उनके अस्तित्व के लिए खतरा हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, तालिबान महिलाओं को स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करने देता है। वुमेन्स अफेयर मिनिस्ट्री अकसर महिलाओं को आवश्यकतानुसार सिक्योरिटी देने के एवज में पैसे की उगाही करता है।
A year ago, July 23, 2022, @Massoud151 and I went to Bamiyan to investigate reports of forced marriage–sex slavery, effectively–of women and girls to #Taliban fighters. They've been a bit annoyed about it ever since. #ProtestingTooMuch? Here's the truth: https://t.co/Ar1ie8RFd8
— Lynne O'Donnell (@lynnekodonnell) July 22, 2022
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