हमारी सेना को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा: चीन

हमारी सेना को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा: चीन

हमारी सेना को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा: चीन
Modified Date: March 9, 2025 / 08:05 pm IST
Published Date: March 9, 2025 8:05 pm IST

(केजेएम वर्मा)

बीजिंग, नौ मार्च (भाषा) चीन ने रविवार को अपने 249 अरब डॉलर के रक्षा बजट को सही ठहराते हुए कहा कि उसे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तथा बढ़ी हुई राशि का उपयोग नवीनतम लड़ाकू क्षमताओं के साथ सेना के आधुनिकीकरण के लिए किया जाएगा।

चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने बुधवार को संसद में घोषणा की कि इस वर्ष देश के लिए नियोजित रक्षा व्यय लगभग 249 अरब अमेरिकी डॉलर है।

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रक्षा प्रवक्ता वू कियान ने संसद के वार्षिक सत्र के दौरान कहा, ‘‘चीनी सेना को राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।’’

पिछले साल चीन ने अपना रक्षा बजट 7.2 प्रतिशत बढ़ाकर लगभग 232 अरब अमेरिकी डॉलर किया था।

चीन का सैन्य बजट अमेरिका के बाद दुनिया में सर्वाधिक है। अमेरिका का नवीनतम प्रस्तावित रक्षा खर्च 890 अरब डॉलर से अधिक है।

चीन जहां भारी अमेरिकी रक्षा बजट का हवाला देता है, वहीं उसका बढ़ता रक्षा खर्च पड़ोसियों, खासकर भारत पर दबाव डाल रहा है। चीन का रक्षा खर्च भारत के करीब 78.8 अरब अमेरिकी डॉलर से तीन गुना ज्यादा है।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप


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