नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद चौतरफा दबाव झेल रहा पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद को ‘हाई रिस्क कैटेगरी में शामिल करने राजी हो गया है। पाकिस्तान के मुताबिक नए सिरों से जांच के बाद संगठनों की सूची को अपग्रेड किया जाएगा। साथ ही, नए सिरे से जैश पर निगरानी और परीक्षण करने की बात कह रहा है। यह जानकारी पाकिस्तान में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।
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आपको बतादें हाल में एफएटीएफ ने पाकिस्तान की मौजूदा प्रतिबंधित ‘लो’ और ‘मीडियम’ सूची पर अपना एतराज जताया था। पाकिस्तान के वित्त सचिव आरिफ अहमद खान ने कहा था कि अगर पाक को कठोर आर्थिक प्रतिबंधों से बचना है, तो उसे जल्द ही आतंकवाद के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाने होंगे। वित्त सचिव का बयान ऐसे समय आया है, जब हाल में एफएटीएफ ने अपनी पेरिस बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं करने का फैसला लिया था। बता दें कि पिछले वर्ष जून में आतंकवाद रोधी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने पर उसे ग्रे सूची में रखा गया था।
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जारी रिपोर्ट में चिंता जाहिर करते हुए कहा गया है कि एफएटीएफ का प्रतिनिधिमंडल अगले दो दिनों (25-26 मार्च) को इस्लामाबाद का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा किए गए प्रयासों एवं नए अभ्यास की समीक्षा करेगा। इसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल अपनी रिपोर्ट एफएटीएफ मुख्यालय को सौंपेगा। इस समीक्षा बैठक के बाद ही यह तय हो सकेगा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किया जाए या नहीं। अगर इसमें गंभीर कमियां पाई गई तो पाकिस्तान को बैल्क लिस्ट में डाला जा सकता है।