पाकिस्तान के विदेश मंत्री इस सप्ताह तुर्की यात्रा पर जाएंगे

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इस सप्ताह तुर्की यात्रा पर जाएंगे

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इस सप्ताह तुर्की यात्रा पर जाएंगे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: June 16, 2021 9:56 am IST

इस्लामाबाद, 16 जून (भाषा) पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अफगान युद्ध के राजनीतिक समाधान के प्रयासों के तहत इस सप्ताह तुर्की की यात्रा पर जाएंगे। उनकी यह यात्रा इन खबरों के बीच हो रही है कि युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद काबुल हवाईअड्डे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंकारा इस्लामाबाद के साथ बात कर रहा है।

मीडिया में बुधवार को आई खबरों में कहा गया है कि अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान कुरैशी 18 से 20 जून तक अंताल्या डिप्लोमैसी फोरम की बैठक में शामिल होंगे जिसमें अफगान उच्च शांति परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी शामिल होंगे तथा अन्य कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी कि कुरैशी के फोरम की बैठक से इतर अफगान नेताओं से भी मिलने की संभावना है जिसमें अफगान शांति प्रक्रिया के आगे के मार्ग पर चर्चा की जाएगी। कहा जा रहा है कि अफगान तालिबान अमेरिकी पहल से हो रहे इस्तांबुल सम्मेलन में शामिल नहीं होना चाहता।

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तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने संभावना जताई है कि अफगानिस्तान से 11 सितंबर तक अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की सुरक्षा सुनिश्चित करने में तुर्की मदद कर सकता है। लेकिन तुर्की के अधिकारियों ने कहा था कि वे काबुल में अपनी सैन्य मौजूदगी के एवज में वित्तीय मदद चाहेंगे। तुर्की के राष्ट्रपति ने हवाईअड्डे की सुरक्षा को लेकर किसी समझौते की घोषणा नहीं की, लेकिन कहा कि तुर्की के सैन्य बल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और नाटो सदस्य देश हंगरी के साथ संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि ब्रसेल्स में नाटो शिखर सम्मेलन में सदस्य देश अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद काबुल हवाईअड्डे को संचालित रखने पर सहमत हुए। इस उद्देश्य के लिए तुर्की से सैन्य बल उपलब्ध कराने को कहा गया है।

ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि अफगानिस्तान से 11 सितंबर तक अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान फिर से अशांति और गृहयुद्ध के अंधकार में लौट सकता है।

भाषा

नेत्रपाल मनीषा

मनीषा


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