गाजा में नकदी की किल्लत के कारण जरूरी चीजों के लिए भारी कीमत चुका रहे फलस्तीनी

गाजा में नकदी की किल्लत के कारण जरूरी चीजों के लिए भारी कीमत चुका रहे फलस्तीनी

गाजा में नकदी की किल्लत के कारण जरूरी चीजों के लिए भारी कीमत चुका रहे फलस्तीनी
Modified Date: July 11, 2025 / 12:56 pm IST
Published Date: July 11, 2025 12:56 pm IST

दीर अल-बलाह (गाजा), 11 जुलाई (एपी) गाजा में जारी संकट से कारण नकदी की भारी किल्लत के चलते लोग भोजन, ईंधन और दवाओं जैसी जरूरी चीजों के लिए भारी कीमत चुका रहे हैं।

लगभग सभी बैंक शाखाओं और एटीएम के निष्क्रिय हो जाने के कारण, लोग दैनिक खर्चों के लिए धन प्राप्त करने के लिए नकदी दलालों के अनियंत्रित नेटवर्क पर निर्भर हो गए हैं – और इन लेनदेन पर कमीशन लगभग 40 प्रतिशत तक बढ़ गया है।

गाजा शहर में रहने वाले एक स्कूल के निदेशक अयमान अल-दहदौह ने कहा, “लड़ाई की वजह से लोग खून के आंसू रो रहे हैं। इससे हमारा दम घुट रहा है, हम भूखे मर रहे हैं।”

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बढ़ती महंगाई, उच्च बेरोजगारी और कम होती बचत राशि के बीच नकदी की कमी ने परिवारों पर वित्तीय दबाव बढ़ा दिया है। कुछ परिवारों ने आवश्यक सामान खरीदने के लिए अपनी संपत्ति बेचनी शुरू कर दी है।

फलस्तीनी ज्यादातर लेन-देन के लिए इजराइली मुद्रा शेकेल का इस्तेमाल करते हैं। इजराइल नए मुद्रित बैंक नोटों की आपूर्ति नहीं कर रहा है और व्यापारी फटे हुए नोट लेने से कतराने लगे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा में नकदी की कमी के कई मूल कारण हैं।

हमास की हथियार खरीदने और लड़ाकों को भुगतान करने की क्षमता को कम करने के लिए, इजराइल ने युद्ध की शुरुआत में ही गाजा में नकदी की आपूर्ति बंद कर दी थी। लगभग उसी समय, गाजा के कई धनी परिवारों ने बैंकों से अपना पैसा निकाल लिया और फिर उस क्षेत्र से भाग गए।

गाजा की वित्तीय व्यवस्था को लेकर बढ़ते डर के कारण क्षेत्र में सामान बेचने वाले विदेशी व्यवसाय नकद भुगतान की मांग करने लगे।

जैसे-जैसे गाजा की मुद्रा आपूर्ति कम हुई और नागरिकों की हताशा बढ़ती गई, नकदी दलालों का कमीशन आसमान छूने लगा, – जो युद्ध के आरंभ में लगभग पांच प्रतिशत था।

नकदी की जरूरत पड़ने पर कोई व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी दलाल को पैसे भेजता है और कुछ ही पल बाद उसे उस रकम का एक छोटा सा हिस्सा मिल जाता है।

कई दलाल खुलकर यह काम कर रहे हैं जबकि कुछ गुपचुप तरीके से। कुछ किराना दुकानदारों और खुदरा विक्रेताओं ने भी अपने ग्राहकों से नकदी मांगनी शुरू कर दी है।

खान यूनिस से विस्थापित होकर दक्षिणी गाजा में रहने वाले मोहम्मद बशीर अल-फर्रा ने कहा, “अगर मुझे 60 अमेरिकी डॉलर की जरूरत है, तो 100 अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर करने होंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “आटा और चीनी जैसी जरूरी चीजें ख़रीदने का यही एकमात्र रास्ता है। हम अपनी लगभग आधी रकम ऐसे ही गंवा देते हैं।”

एपी जोहेब मनीषा

मनीषा

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