मालदीव में संसदीय चुनाव के तहत लोगों ने मतदान किया |

मालदीव में संसदीय चुनाव के तहत लोगों ने मतदान किया

मालदीव में संसदीय चुनाव के तहत लोगों ने मतदान किया

:   Modified Date:  April 21, 2024 / 09:41 PM IST, Published Date : April 21, 2024/9:41 pm IST

माले, 21 अप्रैल (एपी) मालदीव के लोगों ने रविवार को एक महत्वपूर्ण संसदीय चुनाव के तहत मतदान किया। यह चुनाव देश के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिनकी नीतियों पर मालदीव में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे भारत और चीन की नजर रहती है।

समाचार पोर्टल ‘‘अधाधु डॉट कॉम’’ की खबर के अनुसार 20वीं पीपुल्स मजलिस के लिए मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह 8:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक हुआ। इसके अनुसार मतदान समाप्त होते ही निर्वाचन अधिकारियों ने देश भर में मतपेटियों को सील कर दिया। मतपत्रों की गिनती जारी है और परिणाम रविवार देर रात तक आने की उम्मीद है।

निर्वाचन आयोग (ईसी) की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, स्थानीय समयानुसार शाम 5:00 बजे तक 207,693 लोगों ने मतदान किया, इसके अनुसार 72.96 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें 104,826 पुरुष और 102,867 महिलाएं शामिल हैं। कुल 284,663 लोग मतदान के लिए पात्र थे।

‘‘पीएसएमन्यूज डॉट एमवी’’ की खबर के अनुसार, संसदीय चुनाव के लिए मालदीव और तीन अन्य देशों में कुल 602 मतपेटियां रखी गई थीं। कम से कम 34 रिसॉर्ट्स, जेल और अन्य औद्योगिक द्वीपों में भी मतदान केंद्र बनाये गये थे। खबर के अनुसार, मालदीव के बाहर जिन देशों में मतदान के लिए मतपेटियां रखी गई थीं, उनमें भारत में तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका में कोलंबो और मलेशिया में कुआलालंपुर शामिल हैं।

कुल 93 निर्वाचन क्षेत्रों में सांसद चुने जाएंगे, जिनमें छह पार्टियों से 368 उम्मीदवार चुनाव मैदान हैं। इन छह दलों में मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी), मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और 130 निर्दलीय शामिल हैं।

समाचार पोर्टल ‘‘सन डॉट एमवी’’ की खबर के अनुसार पीएनसी ने 90 उम्मीदवार, एमडीपी ने 89, डेमोक्रेट्स ने 39, जम्हूरी पार्टी (जेपी) ने 10, मालदीव्स डेवलपमेंट अलायंस (एमडीए) और अधालथ पार्टी (एपी) ने चार-चार और मालदीव्स नेशनल पार्टी (एमएनपी) ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।

चीन समर्थक नेता के रूप में देखे जाने वाले मुइज्जू के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव से कुछ ही दिन पहले, विपक्षी दलों ने 2018 से उनके कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ जांच और महाभियोग चलाये जाने की मांग की। हालांकि मुइज्जू ने इस आरोप को खारिज कर दिया। इसके अलावा, जब से मुइज्जू ने पद संभाला है, सांसदों ने उनके तीन नामितों को कैबिनेट में शामिल करने पर रोक लगा दी है।

समाचार पोर्टल एमवी की खबर के अनुसार, मुइज्जू ने सुबह 8:40 बजे थाजुद्दीन स्कूल स्थित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। मतदान के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने प्रत्येक नागरिक से यथाशीघ्र मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदान के दौरान कोई बड़ा मुद्दा या शिकायत सामने नहीं आई।

‘‘अधाधु डॉट कॉम’’ के अनुसार, निर्वाचन आयोग के सदस्य एवं प्रवक्ता हसन जकारिया ने कहा, ‘‘अब तक कोई बड़ी शिकायत दर्ज नहीं की गई है। मतपत्र दिखाने के बारे में शिकायतें आई हैं। यानी मतपत्रों को बिना मोड़े बॉक्स में डालने की शिकायतें हैं। ऐसी शिकायतें भी कम हैं।’’

‘‘सन.एमवी’’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, अब मुख्य विपक्षी एमडीपी में शीर्ष सलाहकार के रूप में कार्यरत पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने माले के एक मतदान केंद्र पर अपना मत डाला। मतदान केंद्र के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए सोलिह ने कहा कि वह चुनाव में एमडीपी को स्पष्ट बहुमत जीतते हुए देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि एमडीपी आज के मतदान के अंत तक अच्छा बहुमत हासिल करने में सक्षम होगी। हम आज और प्रचार के दौरान ऐसा होते हुए देख रहे हैं।”

इस बीच मालदीव के उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ ने शांति बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया, चाहे संसदीय चुनाव के नतीजे जो हों। उन्होंने नागरिकों और राजनीतिक दलों से राष्ट्र के हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।

मालदीव हिंद महासागर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जगह पर स्थित है। ऐसे में भारत और चीन मालदीव में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करते रहे हैं।

मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई। मुइज्जू ने चीन समर्थक रुख अपनाया और देश के एक द्वीप पर तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने का काम किया।

राष्ट्रपति के लिए संसद में बहुमत हासिल करना कठिन होगा, क्योंकि उनके कुछ सहयोगी अलग हो गए हैं तथा अधिक संख्या में दल चुनावी दौड़ में शामिल हो गए हैं।

राष्ट्रपति पद के लिए मुइज्जू का चुनाव अभियान ‘भारत को बाहर करो’ थीम पर आधारित था, जिसमें उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति पर भारत को बहुत अधिक महत्व देकर राष्ट्रीय संप्रभुता से समझौता करने का आरोप लगाया था।

मालदीव में कम से कम 75 भारतीय सैन्यकर्मी तैनात थे और वे भारत द्वारा दान किए गए दो विमानों का संचालन करने के साथ ही समुद्र में फंसे या आपदाओं का सामना करने वाले लोगों के बचाव कार्य में सहयोग करते थे।

भारत और मालदीव के बीच रिश्ते तब और तनावपूर्ण हो गए जब अनेक भारतीय लोगों ने सोशल मीडिया पर मालदीव पर्यटन का बहिष्कार करने का अभियान शुरू कर दिया। दरअसल मालदीव के तीन उपमंत्रियों ने लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचार को लेकर उनके बारे में अपमानजनक बयान दिए थे, जिसके जवाब में भारत में मालदीव पर्यटन के बहिष्कार की मुहिम चली।

मालदीव सरकार के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है।

मुइज्जू ने इस साल की शुरुआत में चीन का दौरा किया था और चीन से आने वाली पर्यटकों तथा उड़ानों की संख्या में वृद्धि पर बातचीत की थी।

मालदीव 2013 में चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल में शामिल हो गया था, जिसका उद्देश्य पूरे एशिया, अफ्रीका और यूरोप में व्यापार तथा चीन के प्रभाव का विस्तार करने के लिए बंदरगाहों और राजमार्गों का निर्माण करना था।

एपी अमित सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)