प्रधानमंत्री जॉनसन कोविड-19 की पहली लहर को ‘डरावनी कहानी’ मानते थे : पूर्व सहयोगी

प्रधानमंत्री जॉनसन कोविड-19 की पहली लहर को 'डरावनी कहानी' मानते थे : पूर्व सहयोगी

प्रधानमंत्री जॉनसन कोविड-19 की पहली लहर को ‘डरावनी कहानी’ मानते थे : पूर्व सहयोगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: May 26, 2021 12:35 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 26 मई (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के पूर्व करीबी सहयोगी डोमिनिक कमिंग्स ने बुधवार को दावा किया कि पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर से निपटने में सरकार बेहद पिछड़ी रही क्योंकि उस समय प्रधानमंत्री का मानना था कि यह केवल एक ”डरावनी कहानी” है।

संसद के निचले सदन की विज्ञान एवं तकनीक और स्वास्थ्य समिति की संयुक्त समिति के समक्ष गवाही के दौरान कमिंग्स ने कई विस्फोटक दावे किए।

 ⁠

जॉनसन के पूर्व मुख्य रणनीतिक सलाहकार ने दावा किया कि संकट से निपटने में जुटे जिम्मेदार अधिकारी इसकी गंभीरता को समझ नहीं पाए। साथ ही उन्होंने महामारी के शुरुआती दौर में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से माफी मांगी।

ब्रिटेन द्वारा 23 मार्च 2020 को संपूर्ण लॉकडाउन लागू किए जाने से पहले का जिक्र करते हुए साक्ष्य सुनवाई के दौरान कमिंग्स ने सांसदों के समक्ष कहा, ” उस समय, प्रधानमंत्री मानते थे कि यह एक डरावनी कहानी है, एक नए तरह का स्वाइन फ्लू…. मैंने उनसे कहा था कि निश्चित तौर पर एक ऐसा नहीं है।”

उन्होंने कहा, ” प्रधानमंत्री ने बैठकों के दौरान कहा था कि यह केवल स्वाइन फ्लू है और इसे लेकर ज्यादा परेशान नहीं हों। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं क्रिस विटी से कहूंगा कि टीवी पर सीधे प्रसारण के दौरान मेरे भीतर कोरोनावायरस डाला जाए ताकि सभी को यह अहसास हो कि इससे डरने की जरूरत नहीं है। ऐसा रवैया गंभीर योजना तैयार करने के लिहाज से सहायक नहीं था।”

उस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों में शुमार रहे कमिंग्स ने कुछ जिम्मेदारी खुद पर भी ली।

उन्होंने कहा, ” सच यह है कि वरिष्ठ मंत्री, अधिकारी और मेरे जैसे सलाहकार इसकी गंभीरता को समझ नहीं पाए।”

जॉनसन के पूर्व सहयोगी ने कहा, ” जब जनता को हमारी सबसे अधिक आवश्यकता थी, सरकार विफल रही। मैं उन सभी परिजनों से माफी मांगता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। महामारी से निपटने में कई संस्थान विफल रहे।”

उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक पर भी आरोप लगाया कि जनता से झूठ बोलने समेत 15-20 अन्य बातों के लिए हैंकॉक को बर्खास्त किया जाना चाहिए।

भाषा शफीक नरेश

नरेश


लेखक के बारे में