प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने संबंधों को मजबूत करने के लिए बातचीत की

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने संबंधों को मजबूत करने के लिए बातचीत की

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने संबंधों को मजबूत करने के लिए बातचीत की
Modified Date: July 25, 2025 / 05:39 pm IST
Published Date: July 25, 2025 5:39 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

माले, 25 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापक वार्ता की, जिसमें व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह वार्ता दोनों देशों के रिश्तों में असहजता के दौर के बाद महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है।

मोदी आज सुबह माले पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मुइज्जू और उनकी सरकार के कई शीर्ष मंत्रियों ने वेलेना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इससे माले द्वारा इस यात्रा को दिए गए महत्व का पता चलता है।

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कुछ घंटों बाद, मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हवाई अड्डे पर आकर मेरा स्वागत करने के भाव से मैं बहुत प्रभावित हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगी।’

दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले बैठक की।

द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीब माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘इंडिया आउट’ अभियान के बल पर द्वीपीय राष्ट्र की सत्ता में आए हैं।

मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों के कारण संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी। इसके बाद, भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया।

भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था, जिनका उपयोग मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था।

यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत के निरंतर प्रयासों ने संबंधों को पुनः पटरी पर लाने में मदद की, जिसमें द्वीप राष्ट्र को उसकी आर्थिक समस्याओं से निपटने में सहायता देना भी शामिल है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी से जब संबंधों में आए बदलाव के बारे में मंगलवार को पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमने इस पर काम करना जारी रखा है और मुझे लगता है कि इसका परिणाम आपके सामने है।’

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में मालदीव की पिछली सरकारों के कार्यकाल में वृद्धि देखी गई थी।

भाषा नोमान दिलीप

दिलीप


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