पुरुष और महिला के बीच मजबूत संबंधों से बनता है परिवार : पोप

पुरुष और महिला के बीच मजबूत संबंधों से बनता है परिवार : पोप

पुरुष और महिला के बीच मजबूत संबंधों से बनता है परिवार : पोप
Modified Date: May 16, 2025 / 05:19 pm IST
Published Date: May 16, 2025 5:19 pm IST

वेटिकन सिटी, 16 मई (भाषा) पोप लियो 14वें ने शुक्रवार को कहा कि परिवार ‘‘पुरुष और महिला के बीच मजबूत संबंध से बनता है तथा अजन्मे और बुजुर्ग सदस्य ईश्वर की रचना के रूप में गरिमापूर्ण जीवन पाने के हकदार हैं।

यह लियो 14वें के पोप का पदभार संभालने के शुरूआती समय में ही विवाह और गर्भपात पर उनके स्पष्ट कैथोलिक सिद्धातों को व्यक्त करता है।

प्रथम अमेरिकी पोप लियो ने वेटिकन के राजनयिक प्रतिनिधियों के साथ अपनी पहली बैठक में, विश्व शांति कायम रखने लिए बहुपक्षीय कूटनीति को बहाल करने और धर्मों के बीच संवाद को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

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यह बैठक निजी थी, लेकिन वेटिकन ने लियो और राजनयिक प्रतिनिधियों के डीन द्वारा तैयार किये गए पाठ को जारी किया।

लियो ने पोप बनने पर अपनी प्राथमिकता में शांति पर जोर दिया है।

उन्होंने कहा कि शांति केवल संघर्ष की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि एक ‘‘उपहार’’ है, जिसके लिए काम करने की आवश्यकता होती है, हथियारों के उत्पादन को समाप्त करने से लेकर शब्दों का सावधानीपूर्वक चयन करने तक। उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि न केवल हथियार, बल्कि शब्द भी घायल कर सकते हैं और यहां तक ​​कि जान ले सकते हैं।’’

पोप ने कहा कि शांतिपूर्ण समाजों का निर्माण करना सरकारों का काम है, ‘‘खासकर परिवार में निवेश करके, जो एक पुरुष और एक महिला के बीच मजबूत संबंध पर आधारित है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हर व्यक्ति की गरिमा का सम्मान करने के लिए प्रयास करना चाहिए, विशेष रूप से सबसे कमजोर और असुरक्षित, अजन्मे से लेकर बुजुर्गों तक, बीमार से लेकर बेरोजगारों तक, नागरिकों और अप्रवासियों तक।’’

पोप फ्रांसिस ने गर्भपात और ‘यूथेंसिया’ का विरोध करने वाली मूल कैथोलिक सिद्धातों का पुरजोर समर्थन किया है। उन्होंने एलजीबीटीक्यूप्लस कैथोलिक समुदाय का भी चर्च में स्वागत किया है।

‘यूथेंसिया’ के तहत, किसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के जीवन को चिकित्सकीय सहायता से समाप्त कर दिया जाता है।

पोप ने चर्च के सिद्धांतों में कोई परिवर्तन नहीं किया, जिसमें विवाह को पुरुष और महिला के बीच एक मजबूत संबंध तथा समलैंगिकता को गलत बताया गया है।

एपी सुभाष नरेश

नरेश


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