बीजिंग/वाशिंगटन, 24 मई (भाषा) चीन द्वारा कोविड-19 महामारी के बारे में खुलासा किए जाने से कुछ सप्ताह पहले नवंबर 2019 में वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ताओं ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने को कहा था। पुराने अमेरिकी खुफिया दस्तावेज के हवाले से एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
इस जानकारी के सामने आने के बाद एक बार फिर इस बात की व्यापक जांच के लिए दबाव बढ़ सकता है, जिसमें यह आशंका जतायी गई थी कि कोरोना वायरस चीन की प्रमुख प्रयोगशाला से ही फैला है।
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस रिपोर्ट में सामने आया विवरण उस सरकारी तथ्यपत्र से अधिक विस्तृत है जोकि ट्रंप प्रशासन के अंतिम दिनों के दौरान जारी किया गया था। इस तथ्यपत्र में कहा गया था कि कोरोना वायरस एवं अन्य रोगजनक के लिए शोध करने वाली वुहान प्रयोगशाला के कई शोधकर्ता वर्ष 2019 के आखिरी महीनों में बीमार पड़े थे और उनमें कोविड-19 बीमारी और सामान्य मौसमी बीमारी जैसे लक्ष्ण थे।
हालांकि, चीन ने अखबार की रिपोर्ट को खारिज किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला ने 23 मार्च को एक बयान जारी कर यह स्पष्ट किया था कि संस्थान में कोविड-19 संक्रमण का एक भी मामला नहीं था।
झाओ ने कहा, ” यह तथ्य है कि वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला में 30 दिसंबर 2019 से पहले कोई भी कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में नहीं आया था और अब तक इस संस्थान के कर्मचारी एवं स्नातक छात्रों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।”
प्रवक्ता ने कहा, ” इसलिए, वुहान की प्रयोगशाला में तीन लोगों के बीमार होने का दावा करने वाली रिपोर्ट सरासर झूठी है।”
वहीं, प्रयोगशाला के निदेशक युआन झिमिंग ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से कहा, ” मैंने वॉल स्ट्रीट जर्नल अखबार की रिपोर्ट पढ़ी है, यह पूरी तरह झूठी है। इसमें किए गए दावों का कोई आधार नहीं है।”
कोरोना वायरस की उत्पत्ति लंबे समय से चर्चा का विषय रही है क्योंकि कई वैज्ञानिकों और राजनेता लगातार यह आशंका जताते रहे हैं कि यह घातक वायरस किसी प्रयोगशाला से ही लीक हुआ है।
मध्य चीनी शहर वुहान में स्थित हुनान समुद्री भोजन बाजार को कोविड-19 प्रकोप का केंद्र माना जाता है जोकि वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के बेहद नजदीक है।
वुहान शहर में ही 2019 के अंतिम दिनों में कोविड-19 का प्रकोप सामने आया और बाद में इसने महामारी के रूप में दुनिया के अन्य हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप भी उन लोगों में शुमार थे, जिन्होंने चीन की प्रयोगशाला से इस घातक वायरस के प्रसार की आशंका का समर्थन किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, ” वुहान जीवविज्ञान प्रयोगशाला के तीन शोधकर्ता नवंबर 2019 में इतने ज्यादा बीमार पड़ गए थे कि उन्होंने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने जाने को कहा था।”
बीमार होने वाले चीनी शोधकर्ताओं की संख्या, उनकी बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के समय का खुलासा ऐसे समय में हुआ है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्णय लेने वाली संस्था कोविड-19 की उत्पत्ति के संबंध में जांच के अगले चरण को लेकर चर्चा करने जा रही है।
भाषा शफीक उमा
उमा
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