(विनय शुक्ला)
मॉस्को, सात दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हालिया भारत यात्रा के दौरान उनके साथ गए रूसी पत्रकारों ने 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान अत्यंत कड़े सुरक्षा प्रतिबंधों पर निराशा व्यक्त की है।
पुतिन वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चार से पांच दिसंबर तक नयी दिल्ली की यात्रा पर थे, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना था।
अखबार ‘कोमर्सेंट’ और ‘वेदोमोस्ती’ के संवाददाताओं के अनुसार, हैदराबाद हाउस, राष्ट्रपति भवन और अन्य स्थानों पर सुरक्षा जांच उनकी अपेक्षा से कहीं अधिक गहन थी।
‘कोमर्सेंट’ अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट में, आंद्रेई कोलेसनिकोव ने कहा कि समस्याएं शिखर सम्मेलन स्थल हैदराबाद हाउस से शुरू हुईं, जहां जांच के दौरान कई निजी सामान जमा करा लिए गए।
उन्होंने कहा कि पत्रकारों को पहले ही पावर बैंक न ले जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन कई लोग तब हैरान रह गए जब चार्जर, सौंदर्य प्रसाधन और यहां तक कि कार की चाबियां और कंघी जैसी चीजें भी ले जाने पर रोक लगा दी गई।
कोलेसनिकोव ने लिखा, ‘‘हम मशहूर हैदराबाद हाउस गए, जहां वार्ता होनी थी। यहीं से सब कुछ शुरू हुआ। हमें पावर बैंक के बारे में चेतावनी दी गई थी… लेकिन उन्होंने हमें बाकी चीजों के बारे में नहीं बताया। उदाहरण के लिए, उन्होंने मेरा नियमित फोन चार्जर जब्त कर लिया… फिर उन्होंने लड़कियों से लिपस्टिक और परफ्यूम जब्त करना शुरू कर दिया… कंघी और हेयर बैंड क्यों (जब्त किए गए)?’’
राष्ट्रपति भवन में पुतिन के औपचारिक स्वागत को कवर करने वालीं ‘वेदोमोस्ती’ अखबार की एलेना मुखामेत्शिना ने भी ऐसा ही अनुभव बताया। उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में, पत्रकारों को दो बार भी जांच से गुजरना पड़ा।
भाषा शफीक रंजन
रंजन