आईएसआई के पूर्व प्रमुख को सजा सुनाया जाना ‘बस शुरुआत’ है: खबर में किया गया दावा
आईएसआई के पूर्व प्रमुख को सजा सुनाया जाना ‘बस शुरुआत’ है: खबर में किया गया दावा
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 12 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तानी मीडिया में आई एक खबर में कहा गया है कि खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख फैज हमीद को सजा सुनाया जाना सिर्फ ‘एक शुरुआत’ है और दो साल पहले हुए सेना-विरोधी दंगों में कथित रूप से शामिल राजनेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ कई नए मामलों की शुरुआत हो सकती है।
हमीद को बृहस्पतिवार को एक सैन्य अदालत ने 14 साल की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें शासकीय गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाया।
हमीद को सजा सुनाए जाने पर सेना का बयान मुख्य रूप से सैन्य कानूनों के तहत हुई उनकी दोषसिद्धि पर केंद्रित था।
हालांकि, डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार, सबसे ज़्यादा ध्यान खींचने वाला हिस्सा बयान का आखिरी पैराग्राफ था।
बयान में कहा गया है, “राजनीतिक तत्वों के साथ मिलीभगत करके अपने फायदे के लिए राजनीतिक उकसावे और अस्थिरता फैलाने में दोषी व्यक्ति की भूमिका, तथा कुछ अन्य मामलों को अलग से देखा जा रहा है।”
खबर में कहा गया है कि बयान की भाषा यह संकेत देती है कि हमीद और कुछ अज्ञात राजनेताओं को व्यापक स्तर पर अस्थिरता फैलाने की कोशिशों से जोड़ा जा रहा है।
खबर में कहा गया है कि सेना पिछले साल से कई बार अपने बयान में ऐसे संकेत दे चुकी है। इससे लगातार संदेह पैदा होता है कि सरकार के विरोध में खड़े कुछ राजनीतिक तत्वों के साथ हमीद की कथित मिलीभगत हो सकती है।
पंद्रह अगस्त 2024 को जारी एक बयान में सेना के सूचना विभाग आईएसपीआर ने कहा था कि “इस आरोप की जांच जारी है कि कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों और उनके साथियों ने कुछ राजनीतिक समूहों के साथ मिलकर अशांति फैलाने की कोशिश की।”
फैज़ हमीद की गिरफ्तारी के समय जारी एक अलग बयान में कहा गया था कि “सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने पाकिस्तान सेना अधिनियम का कई बार उल्लंघन किया।” हालांकि इसमें और विवरण नहीं दिया गया।
कुछ दिन बाद, आईएसपीआर ने बताया कि नौ मई, 2023 को हुए दंगों में हमीद की कथित भूमिका की जांच की जा रही है। दंगों के दौरान सेना की इमारतों और स्मारकों को नुकसान पहुंचाया गया था।
बयान में यह भी कहा गया था, “जांच के दौरान यह भी देखा जा रहा है कि क्या नौ मई, 2023 के दंगों समेत अस्थिरता और अशांति फैलने वाली घटनाओं में कथित रूप से राजनीतिक हितों के इशारे पर काम करने और उनके साथ मिलीभगत के मामले में लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद (सेवानिवृत्त) की कोई भूमिका रही। इस मामले की अलग से जांच की जा रही है।”
सांसद फैसल वावड़ा ने बृहस्पतिवार के फैसले की सराहना की और कहा कि “यह सिर्फ शुरुआत है,” और नौ मई के दंगों से जुड़े आरोप अभी बाकी हैं।
वावड़ा ने जियो न्यूज से बात करते हुए सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का आभार व्यक्त किया।
वावड़ा ने कहा कि मुनीर ने सेना से “गंदगी को हटाया” और इस कदम ने जवाबदेही की नींव रखी है।
भाषा जोहेब वैभव
वैभव

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