विवाहित पुरुषों की तुलना में अलग हुए पुरुषों में आत्महत्या की आशंका लगभग पांच गुना अधिक
विवाहित पुरुषों की तुलना में अलग हुए पुरुषों में आत्महत्या की आशंका लगभग पांच गुना अधिक
(माइकल विल्सन और ज़ैक सीडलर, मेलबर्न विश्वविद्यालय और जैकी मैकडोनाल्ड, डीकिन विश्वविद्यालय)
मेलबर्न, 18 जुलाई (द कन्वरसेशन) ब्रेकअप दुखदायी होता है। अंतरंग संबंधों के टूटने पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक संकट आम है। कुछ लोगों के लिए यह संकट इतना भारी हो सकता है कि यह आत्मघाती विचारों और व्यवहार को जन्म देता है।
यह समस्या विशेष रूप से पुरुषों के मामले में प्रतीत होती है। ब्रेकअप, अलगाव और तलाक सहित साथी की समस्याएं 25 से 44 वर्ष की आयु के तीन में से एक ऑस्ट्रेलियाई पुरुष को आत्महत्या के रास्तों पर ले जाती है।
ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर के कई देशों में हर चार में से तीन आत्महत्या के मामले पुरूषों के होते हैं। इसलिए संबंध टूटने और पुरुषों के आत्महत्या के जोखिम के बीच संबंधों की हमारी समझ में, सुधार में जीवन रक्षक क्षमता हो सकती है।
आज प्रकाशित हमारा शोध, ब्रेकअप के बाद पुरुषों के आत्महत्या के जोखिम को समझने पर केंद्रित साक्ष्य की पहली बड़े पैमाने पर समीक्षा है। हमने पाया कि विवाहित पुरुषों की तुलना में अलग हुए पुरुषों में आत्महत्या की संभावना लगभग पाँच गुना ज़्यादा थी।
*** हमने क्या पाया?
हमने दुनिया भर के 30 देशों में किए गए 75 अध्ययनों के निष्कर्षों को एक साथ रखा, जिनमें 10.6 करोड़ से ज़्यादा पुरुष शामिल थे।
हमने यह समझने पर ध्यान केंद्रित किया कि रिश्ते टूटने से पुरुषों में आत्महत्या की प्रवृत्ति क्यों बढ़ सकती है और किन पुरुषों को सबसे ज़्यादा ख़तरा होता है। हम ब्रेकअप को तो नहीं रोक सकते, लेकिन हम आत्महत्या को रोकने के लिए रिश्ते टूटने के तनाव के साथ स्वस्थ समायोजन को बढ़ावा दे सकते हैं।
कुल मिलाकर, हमने पाया कि विवाहित पुरुषों की तुलना में तलाकशुदा पुरुषों में आत्महत्या की आशंका 2.8 गुना ज़्यादा थी।
सबसे ख़ास बात यह है कि हमने पाया कि 35 साल से कम उम्र के अलग हुए पुरुषों में उसी उम्र के विवाहित पुरुषों की तुलना में आत्महत्या की संभावना लगभग नौ गुना ज़्यादा थी।
इसलिए, रिश्ता टूटने के बाद का समय पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए ख़ास तौर पर जोखिम भरा लगता है।
*** ये पुरुष क्या महसूस कर रहे हैं?
कुछ पुरुषों के लिए रिश्ते टूटने के तीव्र भावनात्मक तनाव को नियंत्रित करने में कठिनाई उनके आत्महत्या के जोखिम में भूमिका निभा सकती है। कुछ पुरुषों के लिए, अलगाव से जुड़ा भावनात्मक दर्द – गहरा दुख, शर्म, अपराधबोध, चिंता और नुकसान – इतना तीव्र हो सकता है कि वह कभी खत्म ही न हो।
कई पुरुष पुरुषत्व की संस्कृति में पले-बढ़े होते हैं जो अक्सर उन्हें तीव्र तनाव के समय अपनी भावनाओं को दबाने या उनसे दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करती है।
कुछ पुरुषों को अपनी भावनाओं को समझने या उनकी व्याख्या करने में भी कठिनाई होती है, जिससे उन पर कैसे प्रतिक्रिया दें, यह जानने में चुनौतियाँ आ सकती हैं।
कुल मिलाकर, हमारे शोध में पाया गया कि रिश्ता टूटने का परिणाम कुछ पुरुषों के लिए आत्महत्या तक जा सकता है क्योंकि ब्रेकअप के व्यक्तिगत (भावनात्मक संकट) और पारस्परिक (उनके सामाजिक नेटवर्क में बदलाव और समर्थन की उपलब्धता) प्रभावों के बीच जटिल अंतःक्रिया होती है।
ऐसा लगता है कि इनमें से कई प्रभाव ब्रेकअप के बाद महिलाओं के लिए आत्महत्या के रास्तों में उसी तरह दिखाई नहीं देते।
*** ब्रेकअप सामाजिक नेटवर्क को भी प्रभावित करता है।
कई पुरुष, खासकर विषमलैंगिक रिश्तों में, सामाजिक और भावनात्मक सहारे के प्राथमिक स्रोत के रूप में अपने अंतरंग साथी पर निर्भर रहते हैं – अक्सर अपने दूसरे संबंधों की कीमत पर।
अगर रिश्ता टूट जाता है तो यह एक जोखिम भरी स्थिति पैदा कर सकता है, क्योंकि ऐसा लगता है कि कई पुरुषों के पास सहारे के लिए बहुत कम विकल्प बचते हैं। हमारे शोध में यह बात सच साबित हुई, क्योंकि पुरुषों का सामाजिक अलगाव और अकेलापन रिश्ते टूटने के बाद उनके आत्महत्या के जोखिम को बढ़ाता हुआ प्रतीत होता है।
हम यह भी जानते हैं कि ब्रेकअप के बाद पुरुषों का साथ कैसे दिया जाए, यह समझने में लोगों को मुश्किल हो सकती है। शोध में पाया गया है कि कुछ पुरुष जो मदद मांगते हैं, उन्हें बस ‘फिर से अपनी राह पर चलने’ के लिए कहा जाता है। ऐसी प्रतिक्रिया पुरुषों के दर्द को अमान्य कर देती है और पुरुषों की इस रूढ़ि को पुष्ट करती है कि रिश्ता टूटने का उन पर कोई असर नहीं पड़ता।
*** तो, हम क्या कर सकते हैं?
रिश्ता टूटने के बाद आत्महत्या को रोकने का कोई आसान उपाय नहीं है, लेकिन कई विकल्प मौजूद हैं।
हम युवाओं को रिश्तों को स्वस्थ तरीके से खत्म करने, अस्वीकृति को स्वीकार करने और ब्रेकअप की कठिन भावनाओं को नियंत्रित करने के कौशल सिखाकर, समय रहते मदद कर सकते हैं।
हम सहायता समूहों को शामिल कर सकते हैं जो अलगाव से जूझ रहे लोगों के नियमित संपर्क में रहते हैं ताकि अकेलेपन से निपटने में उनकी मदद की जा सके।
हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक ब्रेकअप के बाद मदद मांगने वाले पुरुषों से प्रभावी ढंग से जुड़ने और उन्हें जवाब देने के लिए आवश्यक कौशल से लैस हों, ताकि जब तक वे संभल नहीं जाते, उन्हें सुरक्षित रखने में मदद मिल सके।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर ब्रेकअप के बाद पुरुष हममें से किसी के पास मदद मांगने आते हैं, तो हम याद रख सकते हैं कि समय अक्सर बहुत अच्छा मरहम होता है। सबसे अच्छा तो यही है कि हम उनके दर्द में उनके साथ बैठें, उनकी बात सुनें। यह जुड़ाव जीवन रक्षक हो सकता है।
द कन्वरसेशन नरेश मनीषा
मनीषा

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