दक्षिण अफ्रीका: सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अदालत की अवमानना पर दी गई 15 महीने कैद की सजा को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
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संवैधानिक न्यायालय ने अपने आदेश में न्यायालय के पहले के फैसले को बरकरार रखा कि जुमा को 2009-2018 तक दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति रहते हुए सरकार और राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों में व्यापक भ्रष्टाचार की जांच के आयोग में गवाही देने से इनकार करने के लिए जेल जाना चाहिए।
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जुमा को जुलाई में जेल में डाल दिया गया था, लेकिन तब से उन्हें एक अज्ञात बीमारी के लिए मेडिकल परोल दी गई है। उनकी रिहाई पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा करने के दौरान प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
न्यायमूर्ति सिसी खंपेपे ने शुक्रवार के फैसले को जोहानिसबर्ग में संवैधानिक न्यायालय में पढ़ा। उन्होंने कहा कि जुमा की सजा को बरकरार रखने का फैसला न्यायाधीशों ने 7-2 के बहुमत से दिया। इस फैसले से हालांकि जुमा की पैरोल प्रभावित नहीं होगी। जुमा (79) ने दलील दी थी कि उन्हें सुनाई गई सजा अनुचित है, क्योंकि अन्य बातों के अलावा उन्हें बिना मुकदमा चलाए जेल भेजा गया था।
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