जोहानिसबर्ग, 27 अप्रैल (भाषा) जोहानिसबर्ग में भारतीय महावाणिज्य द्वारा आयोजित एक सभा में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ बड़ी संख्या में दक्षिण अफ्रीकी नागरिक शामिल हुए और पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी तथा भारत के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की।
यहूदी और हिंदू समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले वक्ताओं ने शुक्रवार को हमले को लेकर रोष प्रकट किया और जान गंवाने वाले तथा घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
यहूदी धर्म गुरु रब्बी अहरोन जुलबर्ग ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की।
जुलबर्ग ने अपनी शुरुआती प्रार्थना में कहा, ‘‘हम आतंकवाद के दंश को अच्छी तरह से समझते हैं…आज, हम आपके साथ खड़े हैं। आइए हम इस नफरती दुनिया को बदलने के लिए एकजुट होकर काम करें, नफरत की जगह समझ, प्यार और उम्मीद जगाएं।’’
महावाणिज्य दूत महेश कुमार ने कहा कि यह हमला ‘‘आतंकवाद का एक कायराना कृत्य’’ था जिसकी स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 26/11 मुंबई हमले (2008 में) के बाद से यह सबसे बड़ा हमला है जिसमें इतनी संख्या में नागरिकों की जान गई। इस हमले में भारतीय नागरिकों, कुछ विदेशियों और अन्य लोगों को भी निशाना बनाया गया।’’
कुमार ने कहा, ‘‘यह हमला जम्मू-कश्मीर में, खासकर पिछले साल केंद्र शासित प्रदेश में हुए सफल और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक चुनावों के बाद नागरिकों, अल्पसंख्यक समुदायों और आगंतुकों को निशाना बनाने के लिए कहा गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमले के पीछे का मकसद बहुत स्पष्ट है-जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति को बहाल नहीं होने देना। इस क्षेत्र में हाल में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों का आगमन हुआ और एक लोकतांत्रिक सरकार ने सत्ता संभाली है।’’
कुमार ने कहा, ‘‘इस घटना के सामने भारत एकजुटता के साथ खड़ा है। हम डरने वाले नहीं हैं। पीड़ितों की स्मृति आतंकवाद को मिटाने और इसके दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के हमारे संकल्प को मजबूत करेगी।’’
दक्षिण अफ्रीका के विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का प्रतिनिधित्व करने वाली याषिका सिंह ने भी हमले की निंदा की।
‘महिंद्रा साउथ अफ्रीका’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राजेश गुप्ता ने कहा कि इस हमले ने मानवता को शर्मसार कर दिया है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘यह जघन्य कृत्य बेहद शर्मनाक है। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब हम सभी को इस तरह की भावना के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।’’
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों के हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था।
पाकिस्तान से संबद्ध प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का एक अंग कहे जाने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने हमले की जम्मेदारी ली है।
भाषा खारी रंजन
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