सियोल, 25 अप्रैल (एपी) दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति मून जे-इन ने शुक्रवार को रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर दायर आरोप पत्र को ‘‘अन्यायपूर्ण’’ बताया तथा अभियोजकों पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने उनके खिलाफ की गई जांच को राजनीति से प्रेरित बताया।
दक्षिण कोरिया के अभियोजकों ने बृहस्पतिवार को मून पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था और कहा था कि मून के कार्यकाल के दौरान एक किफायती एयरलाइन ने उनके दामाद को आकर्षक नौकरी देकर भारी फायदा पहुंचाया था।
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वोन-शिक से मुलाकात करने के बाद मून ने कहा कि उन्हें लगता है कि अभियोजक एक पूर्व निर्धारित दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और उनका मामला राजनीति से प्रेरित और कैसे मुकदमा चलाने की शक्ति का दुरुपयोग किया गया है, इसका उदाहरण है।
पूर्व उदारवादी नेता मून, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ 2018 में हुई शिखर वार्ता की सातवीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के लिए नेशनल असेंबली गये थे।
मून के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद वह उन दक्षिण कोरियाई नेताओं की फेहरिस्त में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के अंत में या पद छोड़ने के बाद आपराधिक मामले या घोटाले के आरोपों का सामना किया है।
मून 2017-2022 तक राष्ट्रपति के पद पर रहे थे। अभियोजकों का आरोप है कि मून ने किफायती एयरलाइन ‘थाई ईस्टर जेट’ के संस्थापक ली सांग-जिक से 2018-2020 तक उनके दामाद को प्रदान किए गए वेतन, आवास पर खर्च और अन्य वित्तीय सहायता के रूप में कुल 21.7 लाख वोन (151,000 अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत प्राप्त की।
दक्षिण कोरिया की मीडिया ने बताया कि मून की बेटी और उसके पति का 2021 में तलाक हो गया था।
अभियोजकों का कहना है कि मून के पूर्व दामाद को थाईलैंड में ली की कंपनी में निदेशक स्तर के कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था, जबकि उन्हें एयरलाइन उद्योग में कोई कार्य अनुभव नहीं था।
अभियोजकों ने कहा कि उसे इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि मून ने ली को राजनीतिक फायदा पहुंचाया। ली ने मून के चुनाव प्रचार अभियान के लिए काम किया था और संभवत: उन्हें इसके बदले में लाभ मिलने की उम्मीद थी।
एपी
सुरभि देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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