श्रीलंकाः मानवाधिकार आयोग ने जाफना में सामूहिक कब्रों को न्यायेतर हत्याओं का परिणाम बताया

श्रीलंकाः मानवाधिकार आयोग ने जाफना में सामूहिक कब्रों को न्यायेतर हत्याओं का परिणाम बताया

श्रीलंकाः मानवाधिकार आयोग ने जाफना में सामूहिक कब्रों को न्यायेतर हत्याओं  का परिणाम बताया
Modified Date: September 4, 2025 / 03:40 pm IST
Published Date: September 4, 2025 3:40 pm IST

कोलंबो, चार सितंबर (भाषा) श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीएल) ने कहा है कि इस बात की प्रबल आशंका है कि चेम्मानी में सामूहिक रूप से शवों को गैरकानूनी तौर पर दफनाया गया था और यह न्यायेतर हत्याओं का मामला है।

तीन और चार अगस्त को स्थल का दौरा करने वाले आयोग ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, “इस बात की पूरी आशंका है कि यह (सामूहिक दफन) गैरकानूनी था और ये न्यायेतर हत्याओं का मामला था।”

इस साल की शुरुआत में जाफना के चेम्मानी में नियमित विकास कार्यों के दौरान कंकाल बरामद हुए थे।

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जाफना की एक अदालत ने जुलाई में इसे सामूहिक कब्र घोषित करके कानूनी निगरानी में खुदाई का आदेश दिया था।

चेम्मानी साल 1998 में लिट्टे और सरकारी सैनिकों के बीच संघर्ष के चरम पर होने के समय कथित रूप से सामूहिक कब्र मिलने के बाद चर्चा में आया था।

मुख्य तमिल पार्टी इलंकाई तमिल अरासु कच्ची (आईटीएके) ने कहा कि यह स्थल युद्ध अपराधों और “तमिलों के खिलाफ नरसंहार अभियान” का स्पष्ट सबूत है।

आयोग ने रिपोर्ट में खुदाई के अब तक 200 से अधिक कंकालों के अवशेष मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि स्थल पर पाए गए 90 प्रतिशत से अधिक मानव अवशेषों पर किसी भी प्रकार का वस्त्र नहीं था।

राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने इस सप्ताह जाफना का दौरा करके मामले में पारदर्शी जांच का आश्वासन दिया था।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने भी जून में चेम्मानी सामूहिक कब्र के अपने दौरे के दौरान इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की थी।

भाषा

जोहेब पवनेश

पवनेश


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