श्रीलंका को संरा मानवाधिकार निकाय के प्रस्ताव का सामना करना होगा, भारत से समर्थन की उम्मीद | Sri Lanka to face proposal of Sanra human rights body, hopes support from India

श्रीलंका को संरा मानवाधिकार निकाय के प्रस्ताव का सामना करना होगा, भारत से समर्थन की उम्मीद

श्रीलंका को संरा मानवाधिकार निकाय के प्रस्ताव का सामना करना होगा, भारत से समर्थन की उम्मीद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : March 21, 2021/6:39 pm IST

कोलंबो, 21 मार्च (भाषा) श्रीलंका को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा जिसे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। वह इस प्रस्ताव का ऐसे समय में सामना कर रहे हैं जब ऐसे आरोप लग रहे हैं कि 2009 में लिट्टे के साथ सशस्त्र संघर्ष समाप्त होने के बाद पीड़ितों को न्याय दिलाने और सुलह को आगे बढ़ाना सुनिश्चित करने में उनकी सरकार द्वारा किए गए प्रयास ‘विफल’ रहे हैं।
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संयुक्त राष्ट्र इकाई में लगातार तीन बार श्रीलंका को प्रस्ताव पर हार का सामना करना पड़ा है, उस दौरान गोटाबाया के बड़े भाई और मौजूदा प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे 2012 और 2014 के बीच देश के राष्ट्रपति थे।

अधिकारियों ने बताया कि मसौदा प्रस्ताव ‘श्रीलंका में मानवाधिकार और सुलह जवाबदेही प्रोत्साहन’ सोमवार के सत्र में सूचीबद्ध है।

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विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धने ने संवाददाताओं को सप्ताहांत में बताया था कि पूरा प्रस्ताव खासतौर पर ब्रिटेन की ओर से राजनीति से प्रेरित है। इसी बीच श्रीलंका को चीन, रूस तथा पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम देशों से समर्थन का आश्वासन मिला है।
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गुणवर्धने ने कहा, ‘हम अपने ऊपर लगाए गए झूठे आरोपों को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं और कई मित्र देशों ने इसमें हमसे हाथ मिलाया है। हमें उम्मीद है कि भारत भी इस बार हमारा समर्थन करेगा।’’

हालांकि कोलंबो के अधिकारियों को ऐसा लगता है कि भारत मतदान में शामिल नहीं होगा।