कोलंबो, एक दिसंबर (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के कार्यालय ने सोमवार को घोषणा की कि चक्रवात ‘दित्वा’ के कारण आई भीषण बाढ़ एवं भूस्खलन से मची तबाही से उबरने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ एक विशेष कोष स्थापित किया जाएगा।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) ने बताया कि बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण मारे गए लोगों की संख्या सोमवार शाम छह बजे तक बढ़कर 390 हो गई, जबकि 352 लोग लापता हैं।
कैंडी जिले में सर्वाधिक 88 लोगों की मौत की जानकारी मिली। इसके बाद बादुल्ला में 82 और नुवारा एलिया में 75 लोगों की जान गई।
डीएमसी ने बताया कि 3,82,651 परिवारों के 13,73,899 लोग प्रतिकूल मौसम से प्रभावित हुए हैं। उसने बताया कि 57,790 परिवारों के 2,04,597 लोग इस समय सुरक्षित केंद्रों में हैं।
कोष बनाने के लिए सरकार ने विश्व बैंक के साथ बातचीत शुरू की है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों में हुए नुकसान का विस्तृत मूल्यांकन किया जा सके और पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय आवश्यकताओं का पता लगाया जा सके।
सरकार ने विश्व बैंक को ‘वैश्विक त्वरित आपदा-उपरांत क्षति अनुमान’ (ग्रेड) का काम सौंपा है। उसने ग्रेड आकलन दो हफ्ते में प्राप्त हो जाने की उम्मीद की।
दिसानायके ने कहा कि नुकसान की गंभीरता ऊपरी तौर पर दिख रही तबाही से कहीं अधिक है।
उन्होंने कहा कि कोष की निगरानी एक संयुक्त प्रबंधन समिति करेगी और इसमें निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र से योगदान लिया जाएगा, क्योंकि इस नुकसान से उबरने के लिए आवश्यक समूचा वित्तीय बोझ राष्ट्रीय कोषागार अकेले वहन नहीं कर सकता।
डीएमसी ने सोमवार को अगले 36 घंटों के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में उत्तरी, पश्चिमी, सबरगमुवा और दक्षिणी प्रांतों तथा कैंडी एवं नुवारा एलिया जिलों में बारिश की आशंका जताई है।
डीएमसी ने लोगों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है।
भारत द्वारा मानवीय सहायता प्रदान किए जाने के बाद श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय सहायता का आश्वासन मिला है।
ब्रिटेन ने आपातकालीन राहत और जीवन रक्षक सहायता के लिए 8,90,000 अमेरिकी डॉलर देने की सोमवार को घोषणा की।
चीन ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर नकद और एक करोड़ रेनमिनबी मूल्य की राहत सामग्री देने का ऐलान किया।
ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह प्रभावित समुदायों के लिए तत्काल राहत के वास्ते 10 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर देगा।
नेपाल ने दो लाख अमेरिकी डॉलर प्रदान करने की घोषणा की है।
इस बीच, श्रीलंकाई नौसेना ने बताया कि भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस सुकन्या कई टन राहत सामग्री लेकर त्रिंकोमाली के पूर्वी बंदरगाह पहुंच गया है।
भाषा सिम्मी पारुल
पारुल