श्रीलंका : अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को जमानत दी
श्रीलंका : अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को जमानत दी
कोलंबो, 26 अगस्त (भाषा) श्रीलंका की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को सरकारी धन के कथित दुरुपयोग से संबंधित मामले में मंगलवार को जमानत दे दी।
कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट निलुपुली लंकापुरा ने आदेश दिया कि 76 वर्षीय नेता को 50 लाख श्रीलंकाई रुपये (एलकेआर) की तीन जमानत राशि के साथ जमानत पर रिहा किया जाए।
विक्रमसिंघे यहां ‘कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल’ की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) से वर्चुअल माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुए।
इस अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है।
विक्रमसिंघे के अधिवक्ताओं ने उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने की अपील की, जबकि सरकारी अधिवक्ताओं ने इस याचिका का विरोध किया और तर्क दिया कि मुकदमा समाप्त होने तक उन्हें हिरासत में रखा जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर के अंत में जाएगी।
विक्रमसिंघे की मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए उनके अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति के हृदय की चार मुख्य धमनियों में से तीन अवरुद्ध थीं, उनके हृदय के ऊतकों को नुकसान हुआ हैतथा वे लंबे समय से मधुमेह के साथ फेफड़ों के संक्रमण से भी जूझ रहे हैं।
अदालत को एक हृदय रोग विशेषज्ञ ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
फोर्ट मजिस्ट्रेट अदालत के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुनवाई शुरू हुई। विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए सैकड़ों विपक्षी समर्थक बाहर जमा थे।
जुलाई 2022 से सितंबर 2024 तक राष्ट्रपति रहे विक्रमसिंघे को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद पिछले सप्ताह शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।
वह श्रीलंका की स्वतंत्रता के बाद गिरफ्तार होने वाले पहले पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हैं।
पूर्व राष्ट्रपति पर वर्ष 2023 में ब्रिटेन की एक निजी यात्रा के लिए 1.66 करोड़ श्रीलंकाई रुपये (एलकेआर) के दुरुपयोग का आरोप है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपनी पत्नी मैत्री के विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में भाग लिया था।
विक्रमसिंघे ने इन आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि यह यात्रा एक आधिकारिक यात्रा थी, क्योंकि उन्हें निमंत्रण राष्ट्रपति के रूप में भेजा गया था।
भाषा यासिर नरेश
नरेश

Facebook



