छात्र-नेतृत्व वाली एनसीपी में बांग्लादेश चुनाव से पहले आंतरिक फूट

छात्र-नेतृत्व वाली एनसीपी में बांग्लादेश चुनाव से पहले आंतरिक फूट

छात्र-नेतृत्व वाली एनसीपी में बांग्लादेश चुनाव से पहले आंतरिक फूट
Modified Date: December 28, 2025 / 08:57 am IST
Published Date: December 28, 2025 8:57 am IST

(अनिसुर रहमान)

ढाका, 28 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश में फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले जमात-ए-इस्लामी के साथ प्रस्तावित गठबंधन को लेकर छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) में रातों रात आंतरिक फूट उभर आई। दरअसल, पार्टी के 30 नेताओं ने इस योजना का विरोध करते हुए एक संयुक्त पत्र जारी किया है जबकि दो वरिष्ठ सदस्यों ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है।

एनसीपी, स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) का एक बड़ा राजनीतिक धड़ा है। एसएडी ने पिछले वर्ष हुए हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसे ‘जुलाई विद्रोह’ कहा जाता है। इस आंदोलन के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी। एनसीपी फरवरी में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के समर्थन से एक राजनीतिक दल के रूप में उभरी।

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ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति और एनसीपी के संयुक्त सदस्य-सचिव मुशफिक उस सलीहीन ने शनिवार रात पत्रकारों को बताया कि उन्होंने ‘‘जुलाई विद्रोह की जवाबदेही और पार्टी मूल्यों के संदर्भ में संभावित गठबंधन पर सैद्धांतिक आपत्तियां’’ शीर्षक वाला ज्ञापन पार्टी संयोजक नाहिद इस्लाम को भेज दिया है।

ज्ञापन में जमात के साथ गठबंधन को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं और कहा गया है कि यह पार्टी की घोषित विचारधारा, ‘जुलाई विद्रोह’ पर उसके रुख और लोकतांत्रिक नैतिकता के विपरीत है।

इसमें जमात के विवादास्पद राजनीतिक इतिहास की ओर भी इशारा किया गया है, विशेष रूप से बांग्लादेश की स्वतंत्रता के विरुद्ध उसकी भूमिका तथा 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान नरसंहार और अपराध में कथित सहयोग की ओर इशारा किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि ये बातें बांग्लादेश की लोकतांत्रिक भावना और एनसीपी के मूल मूल्यों से मेल नहीं खाती।

ज्ञापन में यह चेतावनी दी गई है कि जमात के साथ प्रस्तावित गठबंधन एनसीपी की राजनीतिक विश्वसनीयता और जनता के विश्वास को कमजोर करेगा, जिससे ‘‘हमारे कई कार्यकर्ताओं और समर्थकों, विशेषकर युवा पीढ़ी और नयी राजनीति का समर्थन करने वाले आम नागरिकों’’ में भ्रम और निराशा पैदा होगी।

यह ज्ञापन उस समय सार्वजनिक हुआ जब एनसीपी की वरिष्ठ संयुक्त सदस्य-सचिव तसनीम जारा ने शनिवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया और घोषणा की कि वह राजधानी ढाका की एक संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी।

जारा ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए मैंने किसी भी विशेष पार्टी या गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है।’’

हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका इस्तीफा जमात के साथ प्रस्तावित गठबंधन से जुड़ा है या नहीं, लेकिन अखबारों की खबरों में कहा गया है कि उनके पति और पार्टी के संयुक्त संयोजक खालिद सैफुल्लाह ने भी संगठन छोड़ दिया है।

अखबार ‘इत्तेफाक’ ने शनिवार को बताया था कि एनसीपी की अधिकतर महिला नेता — जैसे वरिष्ठ संयुक्त संयोजक समता शरमिन, वरिष्ठ सदस्य-सचिव नाहिद सरवार नीवा, संयुक्त संयोजक तजनुवा जाबिन और संयुक्त सदस्य-सचिव नुसरत तबस्सुम जमात या किसी भी धर्म-आधारित पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं और उन्होंने पार्टी के सामने अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं।

हालांकि, ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में अधिकतर एनसीपी के पुरुष सदस्य हैं।

एनसीपी ने अब तक अपने प्रस्तावित गठबंधन को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन ‘डेली स्टार’ अखबार ने कहा है कि पार्टी अगले एक-दो दिनों में जमात के साथ सीट-बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप दे सकती है।

इस बीच, जमात के महासचिव मिया गोलाम परवार ने अखबार से कहा कि एनसीपी के साथ उनकी बातचीत एक-एक सीट के आधार पर हो रही है और ‘‘सीट साझा करने की संभावना है, मामला बहुत जल्द साफ हो जाएगा।’’

‘प्रथम आलो’ अखबार ने पहले बताया था कि एनसीपी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के बीच भी सीट-बंटवारे की संभावना पर चर्चा हुई थी ‘‘लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी।’’

खबर में कहा गया है, ‘‘उसके बाद एनसीपी और जमात के बीच बातचीत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ी।’’

भाषा सुरभि सिम्मी

सिम्मी


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