चीन के साथ ताइवान का पुन: एकीकरण “अपरिहार्य” है: चिनफिंग

चीन के साथ ताइवान का पुन: एकीकरण “अपरिहार्य” है: चिनफिंग

चीन के साथ ताइवान का पुन: एकीकरण “अपरिहार्य” है: चिनफिंग
Modified Date: December 31, 2025 / 08:25 pm IST
Published Date: December 31, 2025 8:25 pm IST

(केजेएम वर्मा)

बीजिंग, 31 दिसंबर (भाषा) चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने नववर्ष के मौके पर बुधवार को अपने संबोधन में कहा कि चीन के साथ ताइवान का पुन: एकीकरण “अपरिहार्य” है।

उन्होंने देश की बढ़ती रक्षा क्षमताओं का उल्लेख करते हुए ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को भी रेखांकित किया।

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राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित 2026 के नववर्ष संदेश में शी ने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों ओर रहने वाले चीनी लोगों के बीच रक्त व पारिवारिक संबंध हैं।

उन्होंने कहा, “हमारी मातृभूमि का पुन: एकीकरण समय की मांग है और इसे रोका नहीं जा सकता।”

यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन ने पिछले तीन दिन में स्वशासित ताइवान द्वीप के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है। चीन ताइवान को अपने मुख्य भूभाग का हिस्सा मानता है।

चिनफिंग (72) ने आर्थिक, रक्षा व प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में देश की प्रगति को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, “यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र नदी) के निचले हिस्से में जलविद्युत परियोजना का निर्माण शुरू हो गया है।”

चीन ने पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील तिब्बत क्षेत्र में, अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा के निकट ब्रह्मपुत्र नदी पर 170 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाले बांध के निर्माण की औपचारिक शुरुआत कर दी है। इस परियोजना को लेकर भारत और बांग्लादेश के निचले प्रवाह वाले राज्यों में बाढ़ की आशंका को लेकर चिंताएं जताई गई हैं।

भाषा जोहेब रंजन

रंजन

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