यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सुनाई गई आठ साल की कैद, ये वजह आ रही सामने

थाईलैंड : पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा को आठ साल की कैद Thailand's ex-PM Thaksin Shinawatra sentenced to 8 years in prison

यहां पूर्व प्रधानमंत्री को सुनाई गई आठ साल की कैद, ये वजह आ रही सामने

MP Vidhansbha Chunav 2023

Modified Date: August 22, 2023 / 04:05 pm IST
Published Date: August 22, 2023 3:07 pm IST

Thailand’s ex-PM Thaksin Shinawatra sentenced : बैंकॉक, 22 अगस्त । वर्षों के स्व-निर्वासन के बाद मंगलवार को स्वदेश लौटे थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा को आठ साल की जेल की सजा सुनाई गई। पूर्व नेता उसी दिन स्वदेश लौटे, जब उनकी पार्टी नयी सरकार के गठन के लिए संसद में अहम मतदान का सामना कर रही है।

थाकसिन ने कहा कि स्वदेश वापसी के उनके फैसले का संसद में प्रधानमंत्री पद के वास्ते फ्यू थाई पार्टी के उम्मीदवार के लिए होने वाले संभावित मतदान से कोई लेना-देना नहीं है।

हालांकि, कई लोगों का मानना है कि थाईलैंड लौटने का थाकसिन का कदम सत्ता हासिल करने की उनकी पार्टी की कोशिशों का हिस्सा है और 74 वर्षीय अरबपति नेता की देश वापसी को आसान बनाने के लिए उनकी पार्टी ने सेना समर्थक पार्टियों के साथ समझौता किया है।

 ⁠

read more: Chhattisgarh में 110 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने BJP में किया प्रवेश। 20 Minute 100 News | Fast50 | MP-CG Latest News

थाकसिन सिंगापुर से अपने निजी जेट विमान से थाईलैंड के लिए रवाना हुए और स्थानीय समयानुसार सुबह करीब नौ बजे डॉन म्युआंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे।

थाईलैंड के प्रसारकों ने हवाई अड्डा पर अपनी बेटी और फ्यू थाई की अहम सदस्य पाएतोंगतार्न शिनवात्रा के साथ निजी जेट विमान से उतरते थाकसिन की तस्वीरें प्रसारित कीं। थाकसिन के समर्थकों ने हवाई अड्डा पर उनका स्वागत किया।

हवाई अड्डा से निकलने के बाद थाकसिन ने टर्मिनल के द्वार पर लगी थाईलैंड के राजा और रानी की तस्वीर पर पुष्पमाला अर्पित की और उन्हें नमन किया। उन्होंने समर्थकों और टर्मिनल के बाहर खड़े मीडियाकर्मियों का अभिवादन किया, लेकिन उनसे कोई बात नहीं की।

थाकसिन के थाईलैंड पहुंचने के घंटों पहले ही उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा पर समर्थकों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। इस दौरान फ्यू थाई पार्टी के अहम नेता भी वहां मौजूद थे।

read more: जब विश्व कप जीतने का प्रयास कर रहे हों तो किसी स्थान के लिए कोई प्रबल दावेदार नहीं होता: गंभीर

अरबपति नेता थाकसिन (74) ने लोकलुभावन नीतियों को बढ़ावा दिया और अपनी थाई राक थाई पार्टी को मजबूत स्थिति में ले आए। वह 2001 में पहली बार प्रधानमंत्री चुने गए। इसके बाद 2005 में एक बार फिर इस पद पर काबिज हुए। हालांकि, 2006 में सैन्य तख्तापलट के बाद अपदस्थ किए जाने पर वह निर्वासन में चले गए।

Thailand’s ex-PM Thaksin Shinawatra sentenced : थाकसिन की अनुपस्थिति में उन्हें कई आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया था। इन आरोपों के बारे में थाकसिन का कहना था कि ये राजनीति से प्रेरित हैं और शाही माफी मिलने तक उन्हें जेल की सजा काटनी पड़ सकती है।

थाकसिन का काफिला पहले उच्चतम न्यायालय गया, जहां निर्वासन के दौरान उन पर लगे आरोपों को लेकर उनकी आपराधिक दोषसिद्धि एवं सजा की पुष्टि की गई। इसके बाद वह अदालत से निकले और बैंकॉक की मुख्य जेल पहुंचे।

read more: Jagdalpur News: खत्म हुआ दशकों का इंतजार…, अब बस्तर में ही होगा स्टील का उत्पादन  

फ्यू थाई में अहम स्थान रखने वाली उनकी बेटी पाएतोंगतार्न शिनवात्रा ने फेसबुक पर थाकसिन के साथ परिवार की तस्वीरें साझा कीं और संदेश भी लिखा, जिसमें उन्होंने उनके पिता के स्वागत के लिए हवाई अड्डा पहुंचे लोगों का धन्यवाद किया और कहा, ‘‘मैं और मेरा परिवार इसके लिए बेहद आभारी है।’’

शनिवार को ‘बीबीसी थाई’ के साथ एक साक्षात्कार में थाकसिन ने कहा था कि मतदान की तारीख तय होने से पहले ही उनकी स्वदेश वापसी की योजना थी और वह थाई कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के लिए तैयार हैं।

मई में होने वाले चुनाव से एक सप्ताह पहले थाकसिन ने घोषणा की थी कि वह जुलाई में अपने जन्मदिन पर स्वदेश लौट सकते हैं। लेकिन थाईलैंड लौटने की उनकी योजना बार-बार टलती रही।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com