मार्शल लॉ का निर्णय संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से लिया गया था:दकोरियाई राष्ट्रपति

मार्शल लॉ का निर्णय संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से लिया गया था:दकोरियाई राष्ट्रपति

मार्शल लॉ का निर्णय संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से लिया गया था:दकोरियाई राष्ट्रपति
Modified Date: December 12, 2024 / 08:48 am IST
Published Date: December 12, 2024 8:48 am IST

सियोल (दक्षिण कोरिया),12 दिसंबर (एपी) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने के अपने आदेश का बृहस्पतिवार को बचाव किया और कहा कि देश के लोकतंत्र तथा संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से उन्होंने यह निर्णय लिया था।

राष्ट्रपति यून सुक येओल का यह बयान मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उनके खिलाफ नया महाभियोग प्रस्ताव पेश करने से कुछ घंटे पहले आया है। विपक्षी पार्टी महाभियोग प्रस्ताव पर शनिवार को सदन में मतदान कराने की योजना बना रही है। इससे पहले विपक्षी दल ने पिछले शनिवार को भी ऐसा ही प्रयास किया था लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने नेशनल असेंबली में इसका बहिष्कार किया था।

दरअसल दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने तीन दिसंबर को मार्शल लॉ लगाने का आदेश देकर सबको हैरान कर दिया था और इसके बाद से ही देश में राजनीतिक अराजकता की स्थिति है और उनके निष्कासन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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यून ने अपने फैसले के बचाव में कहा, ‘‘ मैं अंत तक लड़ूंगा ताकि देश की सरकार को पंगु बनाने और देश की संवैधानिक व्यवस्था को बाधित करने के लिए जिम्मेदार ताकतों और आपराधिक समूहों को कोरिया गणराज्य के भविष्य के लिए खतरा बनने से रोका जा सके।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि मार्शल लॉ लागू करने का उद्देश्य देश के विपक्षी दल से लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करना था। यून ने उन पर लगाए जा रहे विद्रोह के आरोपों को भी खारिज किया।

यून ने कहा, ‘‘ विपक्ष अब अराजकता फैला रहा है और दावा कर रहा है कि मार्शल लॉ की घोषणा विद्रोह की कार्रवाई है। लेकिन क्या यह सच है।’’

एपी शोभना यासिर

शोभना

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