इवो-तो (जापान), सात अप्रैल (एपी) जापान के सम्राट नारुहितो ने सोमवार को इवो जीमा जाकर उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जो यहां 80 साल पहले हुई द्वितीय विश्व युद्ध की सबसे भीषण लड़ाइयों में से एक में मारे गए थे।
नारुहितो और उनकी पत्नी मासाको की यह इस द्वीप की पहली यात्रा है। नारुहितो और मासाको का जन्म द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था।
शाही दंपति का तीन स्मारक स्थलों पर जाने और शोक संतप्त परिवारों के प्रतिनिधियों एवं द्वीप के पूर्व निवासियों के वंशजों से मुलाकात का कार्यक्रम है।
नारुहितो ने फरवरी में अपने 65वें जन्मदिन पर कहा था कि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ युद्धकालीन इतिहास को याद रखने और युवा पीढ़ी को इस त्रासदी के बारे में बताने के महत्व की याद दिलाती है।
यह द्वीप वह स्थान है जहां द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी और अमेरिकी सैनिकों के बीच मुकाबला हुआ था और यह युद्ध की सबसे भीषण लड़ाइयों में से एक थी। इवो जीमा की लड़ाई 19 फरवरी से 26 मार्च 1945 तक चली।
इस युद्ध में 21,000 से अधिक जापानी और 7,000 से अधिक अमेरिकी सैनिकों में से लगभग सभी मारे गए थे।
एपी
सिम्मी मनीषा
मनीषा