समुद्र तल को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बचाने की जरूरत है, संयुक्त राष्ट्र भी इस पर सहमत है |

समुद्र तल को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बचाने की जरूरत है, संयुक्त राष्ट्र भी इस पर सहमत है

समुद्र तल को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बचाने की जरूरत है, संयुक्त राष्ट्र भी इस पर सहमत है

:   Modified Date:  April 14, 2024 / 06:58 PM IST, Published Date : April 14, 2024/6:58 pm IST

(विलियम ऑस्टिन, सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय)

सेंट एंड्रयूज, 14 अप्रैल (द कन्वरसेशन) संयुक्त राष्ट्र महासागर दशक (2021-2030) की टैगलाइन है ‘‘हमें जो महासागर चाहिए उसके लिए विज्ञान की आवश्यकता है।’’ हाल में स्पेन के बार्सिलोना में इसका पहला सम्मेलन आयोजित किया गया।

समुद्री स्वास्थ्य और समुद्री जैव विविधता में सुधार के इस दस-वर्षीय मिशन की प्रगति का चार्ट बनाने के लिए मेरे सहित दुनिया भर के समुद्री वैज्ञानिक वैश्विक नेताओं के साथ एकत्र हुए। इसमें समुद्र तल की बेहतर सुरक्षा के तरीके खोजना शामिल है जिसके बारे में हम अभी भी अपेक्षाकृत कम जानते हैं।

समुद्र तल पर तलछट के कुछ क्षेत्रों में कार्बन का विशाल भंडार है। अधिक सुरक्षा के बिना, उदाहरण के लिए मछली पकड़ने की प्रथाओं से होने वाली गड़बड़ी से, संग्रहित कार्बन में से कुछ को वापस वायुमंडल में पहुंच सकती है।

मैं बार्सिलोना में चर्चा में शामिल हुआ, जिसके परिणामस्वरूप एक नयी टिकाऊ महासागर योजना पहल की शुरुआत हुई, जिसका समन्वय महासागर दशक के वैश्विक समन्वयक जूलियन बार्बिएर द्वारा किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसी देश के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले समुद्री क्षेत्र के स्थायी प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करना है।

इसके साथ, हमारी व्यापक जलवायु प्रणाली में महासागर की भूमिका की फिर से कल्पना करने और यह चिह्नित करने की गुंजाइश है कि सभी समुद्री प्राकृतिक प्रणालियां अपनी मिट्टी और तलछट में कार्बन को अलग करती हैं और जमा करती हैं।

मैं यहां ब्लू कार्बन के लिए वैश्विक महासागर दशक कार्यक्रम की ओर से हूं-यह कोई भी कार्बन है जो समुद्र में जमा है। यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र के 50 कार्यक्रमों में से एक है जिसका उद्देश्य टिकाऊ विकास के लिए परिवर्तनकारी समुद्री विज्ञान समाधान प्रदान करना, लोगों और हमारे महासागर को जोड़ना है। यह एक बड़ा सवाल है।

मेरा काम तटीय पारिस्थितिक तंत्र की असाधारण क्षमता पर केंद्रित है-जैसे कि मैंग्रोव, दलदली जमीन और समुद्री घास असामान्य रूप से उच्च घनत्व में कार्बनिक कार्बन को अलग करने या संग्रहीत करने के लिए। 20 से अधिक देशों के अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान वैज्ञानिकों की हमारी ब्लू कार्बन टीम जलवायु और जैव विविधता संकटों के प्रबंधन के समाधान के रूप में उभरते ब्लू कार्बन पारिस्थितिकी तंत्र जैसे केल्प वन और उप-ज्वारीय तलछट को परिभाषित करना शुरू कर रही है।

तटीय समुद्री घास के मैदानों से लेकर सबसे गहरी खाइयों में धीरे-धीरे जमा होने वाली तलछट तक, 36 करोड़ वर्ग किलोमीटर समुद्र और समुद्री तल को एक बहुमूल्य कार्बन भंडार के रूप में बड़े पैमाने पर अनदेखा किया जाता है।

समुद्री तल एक ऐसा संसाधन नहीं है जिसका लगातार दोहन किया जाए, बल्कि यह वैश्विक जैव विविधता और कार्बन का एक संवेदनशील भंडार है जिसे संरक्षित करने की जरूरत है। ये अत्यधिक उत्पादक, फिर भी संवेदनशील, पारिस्थितिकी तंत्र दुनिया के तटीय क्षेत्रों के निरंतर विकास में जलीय कृषि के लिए मैंग्रोव के वनों की कटाई जैसे निवास स्थान के नुकसान और विनाशकारी गतिविधियों से बहुत प्रभावित हुए हैं।

ब्लू कार्बन में जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद के लिए महासागर-आधारित समाधान प्रदान करने की बड़ी क्षमता है और शुक्र है कि कम से कम वैश्विक स्तर पर हाल के वर्षों में ये नुकसान कम हो गए हैं।

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए ब्लू कार्बन की क्षमता अपेक्षाकृत मामूली है, लेकिन स्वस्थ, बहाल पारिस्थितिकी तंत्र में सालाना 29.6 लाख टन अतिरिक्त कार्बन जमा करने की क्षमता है। इंडोनेशिया जैसे कुछ देश ब्लू कार्बन हॉटस्पॉट के रूप में बड़ी संभावनाएं पेश करते हैं जहां प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण तथा स्थानीय समुदायों दोनों के लिए एक अवसर है।

कार्बन क्रेडिट को लेकर दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। यह वह साधन है जिसके द्वारा अतिरिक्त कार्बन किसी समुदाय में निवेश आय का स्रोत बन सकता है। केन्या के तट पर, समुदाय-आधारित मिको पामोजो परियोजना मैंग्रोव बहाली से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष लाभ बढ़ाती है।

ब्लू कार्बन पारिस्थितिकी तंत्र देशों को उनके जलवायु दायित्वों को पूरा करने में मदद कर सकता है और काफी रुचि आकर्षित कर रहा है। हालांकि, यदि राष्ट्र चाहते हैं कि ये पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करना जारी रखें तो हमारी सरकारों को उनकी रक्षा करनी चाहिए और, जहां संभव हो, खोए हुए आवासों को पुनर्स्थापित करना चाहिए।

योजनाएं अंततः सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन आगे बड़ी चुनौतियां हैं। वर्ल्ड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट में महासागर कार्रवाई 2030 की निदेशक सिंथिया बरजुना के कथन को संक्षेप में कहें तो ‘‘स्वस्थ महासागर के बिना कोई समृद्ध महासागर नहीं हो सकता।’’ बार्सिलोना सम्मेलन की सबसे बड़ी सीख यह है कि टिकाऊ समुद्री भविष्य एक साझा दृष्टिकोण पर निर्भर करता है जो हम सभी के लिए और समुद्री जीवन के लिए भी काम करता है।

(द कन्वरसेशन) आशीष रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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