वैज्ञानिक जांच के बाद सामने आई ये जानकारी, कोविड 19 से बुजुर्गों की ज्यादा मौत के ये हैं कारण

वैज्ञानिक जांच के बाद सामने आई ये जानकारी, कोविड 19 से बुजुर्गों की ज्यादा मौत के ये हैं कारण

वैज्ञानिक जांच के बाद सामने आई ये जानकारी, कोविड 19 से बुजुर्गों की ज्यादा मौत के ये हैं कारण
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: March 24, 2020 11:28 am IST

नई दिल्ली। तीन महीनों में कोरोना वायरस ने दुनियाभर को चिंता में डाल रखा है, लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि इस वायरस की वजह से बुजुर्गों की मौत सबसे ज्यादा हो रही है। वरिष्ठ नागरिकों की मौत की गुत्थी सुलझ नहीं रही थी। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने अपनी पड़ताल में ये गुत्थी सुलझा ली है।

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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चीन और अन्य देशों में कोरोना वायरस से मरे बुजुर्गों की सघन जांच की है, इसमें पता चला है कि कोरोना वायरस उन वरिष्ठों के लिए ज्यादा खतरनाक है जो पहले से ही दिल, किडनी, फेफड़े की बीमारी से ग्रसित हैं। ये वायरस उन लोगों पर भी ज्यादा गंभीर साबित हो रहा है जो डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं।

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वैज्ञानिकों का कहना है कि 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग पहले से ही किसी गैर-संक्रामक रोग से ग्रसित होते हैं। साथ ही इस उम्र में इम्यूनिटी भी कम हो जाती है, यही कारण है कि बुजुर्गों के लिए कोरोना वायरस घातक साबित हो रहा है। वैज्ञानिकों के एक टीम ने कोरोना वायरस के हमले की भी जांच की है।

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अपने शोध में इन्होने पाया कि कोरोना वायरस सार्स और मर्स जैसे फ्लू वायरस से बिलकुल अलग है। सार्स और मर्स किसी व्यक्ति पर सीधे अटैक करते थे और इसका असर एकदम शुरू में ही दिखने लगता है। लेकिन कोरोना इनसे अलग है। ये मरीज में काफी धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू करता है।

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यही वजह है कि जब तक मरीज अस्पताल में इसकी शिकायत करता है काफी देर हो चुकी होती है, वैज्ञानिकों का कहना है कि जरा भी सांस में तकलीफ या हल्का बुखार भी लगता है तो बुजुर्गों को तत्काल डॉक्टर के पास ले जाना फायदेमंद साबित हो सकता है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com