ट्रंप ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अल-शरा से सऊदी अरब में की मुलाकात

ट्रंप ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अल-शरा से सऊदी अरब में की मुलाकात

Edited By :  
Modified Date: May 14, 2025 / 09:23 PM IST
,
Published Date: May 14, 2025 9:23 pm IST

रियाद, 14 मई (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की। दोनों देशों के नेताओं की 25 साल बाद यह पहली मुलाकात थी। इस मुलाकात को सीरिया के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो दशकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने की स्थिति से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है।

खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के नेताओं के साथ ट्रंप की मुलाकात से इतर हुई यह वार्ता ‘असद परिवार’ के 50 साल से अधिक के कठोर शासनकाल से उबर रहे सीरिया के लिए एक बड़ा घटनाक्रम है। खास बात यह की कभी अल-शरा की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा था।

ट्रंप ने वार्ता के बाद एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से बात करते हुए अल-शरा की तारीफ की और कहा, “वह एक युवा और आकर्षक व्यक्ति हैं। सख्त व्यक्ति है। उनका बहुत मजबूत अतीत रहा है। वह योद्धा हैं।”

बुधवार को हुई मुलाकात इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि अल-शरा, अबू मोहम्मद अल-गोलानी के नाम से अल-कायदा से जुड़े थे और सीरियाई युद्ध में हिस्सा लेने से पहले इराक में अमेरिकी बलों से लड़ने वाले विद्रोहियों में शामिल थे। अमेरिकी बलों ने उन्हें कई वर्ष तक वहां कैद रखा था।

ट्रंप ने कहा, “वह वास्तविक नेता हैं। उन्होंने जिम्मा उठाया है और वह बहुत अद्भुत हैं। ”

ट्रंप ने पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा की शुरुआत करते हुए एक दिन पहले रियाद में घोषणा की थी कि वह पूर्व तानाशाह बशर अल-असद के शासन में सीरिया पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने के लिए कदम उठाएंगे।

ट्रंप के इस बयान के बाद सीरिया में मंगलवार रात को लोगों ने जश्न मनाया और आतिशबाजी की। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके देश को ऐसे समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर से जगह बनाने में मदद मिलेगी, जब उन्हें निवेश की सबसे अधिक आवश्यकता होगी।

ट्रंप और अल-शरा की मुलाकात से पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति से सीरिया पर लगे प्रतिबंध न हटाने का आह्वान किया था। नेतन्याहू के आह्वान को ट्रंप द्वारा अनदेखा किए जाने से एक बार फिर व्हाइट हाउस और इजराइल सरकार के बीच बढ़ता असंतोष उजागर हो गया है।

ट्रंप ने अल-शरा से मुलाकात के बाद जीसीसी से कहा, “मैं सीरिया के खिलाफ प्रतिबंधों को समाप्त करने का आदेश दे रहा हूं ताकि वे नयी शुरुआत कर सकें। इससे उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। प्रतिबंध वाकई बहुत गंभीर और बेहद कठोर हैं।”

जीसीसी में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। इसके बाद वह कतर के लिए रवाना हो जाएंगे।

ट्रंप ने कहा कि अल-शरा ने अब्राहम समझौते में शामिल होने और अंततः इजराइल को मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन सीरिया ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उन्हें (सीरिया) खुद को सही करना होगा। मैंने उनसे (अल-शरा) कहा, मुझे उम्मीद है कि जब सब सही हो जाएगा तो आप भी इसमें (अब्राहम समझौता) शामिल हो जाएंगे।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हां, उनके पास लेकिन अभी करने को काफी कुछ है।”

ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि वह अल-शरा से मुलाकात करेंगे। अल-शरा बैठक के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे थे।

वर्ष 2011 में शुरू हुए विनाशकारी गृहयुद्ध से पहले भी सीरिया एक कठोर नियंत्रित समाजवादी अर्थव्यवस्था के तहत संघर्ष कर रहा था। अमेरिका ने सीरिया को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला देश बताते हुए 1979 में उसपर प्रतिबंध लगा दिया था।

बैठक बंद कमरे में हुई और पत्रकारों को वहां जाने की अनुमति नहीं थी। व्हाइट हाउस ने बाद में कहा कि यह मुलाकात लगभग 30 मिनट से अधिक समय तक चली। इसके साथ ही अल-शरा 25 साल में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने वाले पहले सीरियाई राष्ट्रपति बने।

इससे पहले 2000 में सीरिया के राष्ट्रपति के तौर पर हाफिज असद ने जिनेवा में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मुलाकात की थी।

ट्रंप और अल-शरा की बैठक में सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान भी शामिल हुए। इसके अलावा तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन ने फोन कॉल के जरिये बैठक में शिरकत की। तुर्किये अल-शरा और उनके विद्रोही धड़े का प्रमुख समर्थक है।

ट्रंप ने सीरिया के बारे में कहा, “मुझे पक्का यकीन है कि इससे उन्हें एक मौका मिलेगा। उनके पास एक अच्छा मौका है। ऐसा करना मेरे लिए सम्मान की बात थी।”

ट्रंप ने कहा कि अल-शरा से मिलने के लिए मुख्य रूप से सऊदी के युवराज मोहम्मद ने उन्हें प्रोत्साहित किया।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने एक बयान में कहा कि ट्रंप ने अल-शरा से आग्रह किया कि वह कूटनीतिक रूप से इजराइल को मान्यता दे, “सभी विदेशी आतंकवादियों को सीरिया छोड़ने के लिए कहे” और इस्लामिक स्टेट समूह के किसी भी तरह के उभार को रोकने में अमेरिका की मदद करे।

लेविट ने बताया कि ट्रंप ने सीरियाई सरकार से उन हिरासत केंद्रों की जिम्मेदारी भी लेने को कहा जहां इस्लामिक स्टेट के करीब 9000 संदिग्ध लड़ाकों को बंदी बनाकर रखा गया है। इन जेलों का संचालन अमेरिका समर्थित और कुर्द नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा किया जाता है, जिन्होंने चरमपंथियों के खिलाफ सैन्य अभियान का नेतृत्व किया था और मार्च 2019 में उनके कब्जे वाली जमीन के आखिरी हिस्से पर भी नियंत्रण कर लिया था।

ट्रंप की यह इच्छा कि सीरिया जेलों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर ले, इस बात का भी संकेत है कि सीरिया से पूरी तरह से अमेरिकी सैन्य वापसी की संभावना है।

सीरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रंप और अल-शरा ने आतंकवाद तथा स्थिरता के रास्ते में आड़े आ रहे आईएस जैसे सशस्त्र समूहों से लड़ने में सीरियाई-अमेरिका साझेदारी पर चर्चा की।

अल-शरा इस साल जनवरी में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति बने थे।

कई खाड़ी अरब नेता दमिश्क में नयी सरकार के साथ लामबंद हैं और चाहते हैं कि ट्रंप भी उनका अनुसरण करें, क्योंकि उनका मानना ​​है कि यह सीरिया में ईरान के प्रभाव में वापसी के खिलाफ एक सुरक्षा कवच है। ईरान ने एक दशक लंबे गृहयुद्ध के दौरान असद की सरकार को सहारा देने में मदद की थी।

अमेरिका का पुराना सहयोगी इजरायल लेकिन अल-शरा के चरमपंथी अतीत को लेकर काफी सशंकित है और उसने नयी सरकार को शीघ्र मान्यता देने के प्रति आगाह किया है।

ट्रंप ने हालांकि मंगलवार को विदेश नीति से संबंधित अपने व्यापक संबोधन में कहा था, “उम्मीद है कि नयी सरकार देश को स्थिर व शांति बनाए रखने में सफल होगी।”

इसी संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था कि वह सीरिया पर 2011 से लागू प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहे हैं।

ट्रंप ने कहा, “हम सीरिया में ऐसा होते देखना चाहते हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह एक दशक से अधिक समय से गृहयुद्ध का सामना कर रहे सीरिया को अल-शरा के नेतृत्व में “शांति का मौका” देना चाहते हैं।

पिछले साल दिसंबर में अल-शरा के नेतृत्व में हयात तहरीर अल-शाम के विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटा दिया था। इसके साथ ही सीरिया में असद परिवार के 54 साल के शासनकाल का अंत हो गया था।

सीरिया पर से प्रतिबंध हटाने संबंधी ट्रंप के बयान के बाद देश में जश्न का माहौल है। यह खबर मिलने के बाद राजधानी दमिश्क में लोगों ने रात के समय आतिशबाजी करके अपनी खुशी जाहिर की।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ ने वीडियो और तस्वीरें प्रकाशित की हैं, जिनमें ‘उमय्यद स्कवायर’ पर लोग जश्न मनाते हुए दिख रहे हैं। कई लोगों ने जश्न मनाते हुए अपनी कारों के ‘हॉर्न’ बजाए और नया सीरियाई झंडा लहराया।

सीरिया की अंतरिम सरकार ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया है।

सीरियाई विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान को मंगलवार रात सीरियाई लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पल बताया, जो “युद्ध के लंबे व दर्दनाक दौर से बाहर निकलना चाहते हैं।”

ट्रंप पश्चिम एशिया के दौरे पर हैं और सऊदी अरब के बाद वह कतर की यात्रा करेंगे।

एपी प्रशांत माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)