भारत के विश्व शक्ति बनने में अमेरिका मदद करने को इच्छुक : शीर्ष राजनयिक

भारत के विश्व शक्ति बनने में अमेरिका मदद करने को इच्छुक : शीर्ष राजनयिक

भारत के विश्व शक्ति बनने में अमेरिका मदद करने को इच्छुक : शीर्ष राजनयिक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: September 1, 2020 6:01 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, एक सितंबर (भाषा) अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि अमेरिका भारत को विश्व शक्ति बनने में मदद करने को इच्छुक है जो सुरक्षातंत्र में योगदान देता है। इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन बेहतरीन रक्षा क्षमता के साथ भारत का समर्थन करने को उत्सुक है।

अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफन बेगुन ने यह टिप्पणी अमेरिक-भारत रणनीतिक और साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा सोमवार को आयोजित तीसरे भारत-अमेरिका नेतृत्व सम्मेलन में की जिसे डिजिटल माध्यम से आयोजित किया गया था।

 ⁠

उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे पुराने और सबसे विशाल लोकतंत्र के बीच साझेदारी गत दो दशक में लगतार मजबूत हुई है और इसके आगे भी जारी रहने की उम्मीद है।

भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को सुरक्षा तंत्र में योगदान करने के लिए विश्व स्तरीय ताकत बनने में मदद करने को इच्छुक हैं। मैं मानता हं कि रक्षा सहयोग इसमें महत्वपूर्ण है।’’

बता दें कि वर्मा ने पूछा था कि अमेरिका रक्षा सहयोग, निर्यात नियंत्रण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के संबंध में और क्या कर सकता है।

सुरक्षा तंत्र मुहैया कराने वाले सुरक्षा चिंताओं का सामना सामान लक्ष्य के साथ विभिन्न देशों के साथ साझेदारी कर करते हैं।

उप विदेश मंत्री ने कहा कि प्रतिरोधात्मक रुझानों में से एक, भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की इच्छा है और उसे मैं समझता हूं। कोई भी देश पूरी तरह से दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना चाहता है। यहां तक कि भारत और अमेरिका की करीबी साझेदारी में भी, अभी समय है जिसका परीक्षण क्षेत्र में होने वाली घटनाओं या देशों से हो जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं, लेकिन मैं मानता हूं कि भारत को बेहतरीन रक्षा क्षमता देने के मामले में अलग नहीं किया जा सकता है, मैं मानता हूं कि भारत को आने वाले हफ्तों या महीनों में अमेरिका में उन खास क्षेत्र में बहुत ही इच्छुक और सृजनात्मक सोच वाला साझेदार मिलने जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि गत दो दशक में चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों और तीन भारतीय प्रधानमंत्रियों ने राजनीतिक विचार से इतर भारत-अमेरिका साझेदारी में निवेश किया है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक ने अपने उत्तराधिकारी को बेहतर रिश्ते की विरासत सौंपी।

भाषा धीरज रंजन

रंजन


लेखक के बारे में