अमेरिकी प्रतिनिधि खलीलजाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कतर और तुर्कमेनिस्तान यात्रा पर रवाना

अमेरिकी प्रतिनिधि खलीलजाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कतर और तुर्कमेनिस्तान यात्रा पर रवाना

अमेरिकी प्रतिनिधि खलीलजाद अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कतर और तुर्कमेनिस्तान यात्रा पर रवाना
Modified Date: November 29, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: January 5, 2021 12:41 pm IST

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, पांच जनवरी (भाषा) अफगानिस्तान में शांति समझौते को लेकर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद युर्द्ध से जर्जर हो चुके अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कतर और तुर्कमेनिस्तान की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।

दोहा में खलीलजाद दो अफगान टीमों से मिलकर उन्हें प्रोत्साहन देंगे और शांति प्रक्रिया तेज करने के लिए अमेरिकी सहायता की पेशकश करेंगे। देश में शांति प्रक्रिया को तेज करने का प्रमुख लक्ष्य तत्काल और प्रभावी तरीके से हिंसा को कम करना, संघर्षविराम और संभव हो तो राजनीतिक रोडमैप और सत्ता की साझेदारी पर समझौता करना है।

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खलीलजाद ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘मैं इस आशा के साथ दोहा और क्षेत्र में वापस आया हूं कि सभी पक्ष अफगानिस्तान शांति वार्ता के अगले चरण में ठोस प्रगति करेंगे।’’

विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में खलीलजाद अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों को प्रोत्साहित करेंगे कि वे हिंसा समाप्त करने और यथाशीघ्र राजनीतिक समझौते का समर्थन करें।

खलीलजाद ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष यह स्पष्ट करें कि वे अफगानों के हित में काम कर रहे हैं और हिंसा को तत्काल प्रभावी तरीके से कम करने या संघर्षविराम के लिए और राजनीतिक समझौते पर पहुंचने के लिए समझौता करने और बातचीत करने को सचमुच तैयार हैं।’’

काबुल में खलीलजाद अफगान नेताओं से मिलेंगे और उन्हें अमेरिकी समर्थन की पेशकश करेंगे।

विदेश विभाग के अनुसार, ‘‘यात्रा के दौरान प्रतिनिधि खलीलजाद क्षेत्रीय संपर्क, व्यापार और विकास को बढ़ावा देने संबंधी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करेंगे, जिसे अफगान शांति समझौते का साथ मिलेगा और लंबे समय तक शांति बनाए रखने में मदद मिलेगी।’’

खलीलजाद ने कहा, ‘‘फिलहाल जैसी हिंसा और निशाना बनाकर हत्याएं की जा रही हैं, वह स्वीकार्य नहीं है। हिंसा करने वाले शांति प्रक्रिया को बाधित करना चाहते हैं जिससे अंतत: देश के भविष्य पर असर पड़ेगा। वे अफगानिस्तान की जनता की इच्छाओं को नहीं दर्शाते हैं, क्योंकि जनता शांति चाहती है।’’

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश


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