संयुक्त राष्ट्र ने लीबिया में अपने मिशन की अवधि रूस के दबाव में मात्र तीन महीने बढ़ाई

संयुक्त राष्ट्र ने लीबिया में अपने मिशन की अवधि रूस के दबाव में मात्र तीन महीने बढ़ाई

संयुक्त राष्ट्र ने लीबिया में अपने मिशन की अवधि रूस के दबाव में मात्र तीन महीने बढ़ाई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: July 29, 2022 10:48 am IST

संयुक्त राष्ट्र, 29 जुलाई (एपी) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लीबिया में अपने राजनीतिक मिशन की अवधि बढ़ाने के समर्थन में बृहस्पतिवार को मतदान किया, लेकिन रूस के प्रतिरोध के कारण इस अवधि को एक साल के बजाय केवल तीन महीने के लिए बढ़ाया गया।

परिषद के तीन अफ्रीकी सदस्य देश अवधि को कम करने को लेकर रूस के प्रति अपना विरोध जताने के लिए मतदान में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि मिशन की अवधि को लंबे समय के लिए बढ़ाया जाना लीबिया में चुनाव कराने और वहां स्थिरता लाने में मदद करने के लिए आवश्यक था।

रूस के उपराजदूत दमित्री पोयांस्की ने मॉस्को के रुख को दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र मिशन को लंबे समय का जनादेश देने से पहले उसके पास एक नया विशेष प्रतिनिधि होना चाहिए।

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संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत जान कुबिस ने 10 महीने तक पद पर रहने के बाद पिछले साल 23 नवंबर को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कई उम्मीदवारों के नाम इस पद के लिए प्रस्तावित किए, लेकिन उन्हें या तो परिषद के सदस्यों, लीबिया या पड़ोसी देशों ने खारिज कर दिया।

कुबिस के जाने के बाद गुतारेस ने लीबिया में संयुक्त राष्ट्र की पूर्व उप विशेष प्रतिनिधि स्टेफनी विलियम्स को अपनी विशेष सलाहकार नियुक्त किया, लेकिन परिषद के दूतों ने बताया कि विलियम्स रविवार को पद छोड़ रही हैं।

अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि वह भी रूस के कदम के कारण परिषद के तीन अफ्रीकी सदस्यों घाना, केन्या और गैबन की तरह निराश हैं।

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के समर्थन में हुए विद्रोह के बाद लीबिया के तानाशाह मोअम्मर गद्दाफी को 2011 में अपदस्थ किए जाने और उनके मारे जाने के बाद से देश संघर्षों से जूझ रहा है।

एपी सिम्मी सुरेश

सुरेश


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