बीएपीएस के खिलाफ अद्यतन मुकदमे में कई मंदिरों में जबरन मजदूरी करवाने का आरोप : खबर |

बीएपीएस के खिलाफ अद्यतन मुकदमे में कई मंदिरों में जबरन मजदूरी करवाने का आरोप : खबर

बीएपीएस के खिलाफ अद्यतन मुकदमे में कई मंदिरों में जबरन मजदूरी करवाने का आरोप : खबर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : November 11, 2021/12:14 pm IST

BAPS accused of forced labour in several temples

न्यूयॉर्क, 11 नवंबर (भाषा) अमेरिका में एक प्रमुख हिंदू संगठन को एक अद्यतन मुकदमे में नए आरोपों का सामना करना पड़ रहा है कि उसने भारत से आए मजदूरों को लालच दिया और सैकड़ों श्रमिकों को देश भर में अपने मंदिरों में कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर किया।

इस साल मई में, भारतीय श्रमिकों के एक समूह ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के खिलाफ मानव तस्करी एवं मजदूरी कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अमेरिकी जिला न्यायालय में एक मुकदमा दायर किया था। इसमें कहा गया था कि उन्हें रोका गया और न्यू जर्सी में विशाल स्वामीनारायण मंदिर के निर्माण के लिए लगभग एक डॉलर की मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर किया गया।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ समाचार-पत्र ने बुधवार को एक खबर में बताया गया कि न्यू जर्सी संघीय अदालत में दायर वाद में पिछले महीने संशोधन किया गया था। इसमें बीएपीएस पर “भारत से मजदूरों को अटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन और लॉस एंजिलिस के आस-पास के और न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले के मंदिरों में महज 450 डॉलर प्रति माह की मजदूरी पर काम कराने के लिए फुसलाकर लाए जाने” का आरोप है।

BAPS accused of forced labour in several temples : खबर में कहा गया, “संशोधित मुकदमे में देश भर के मंदिरों को शामिल करने के आरोपों को और व्यापक किया गया जिसमें कुछ और लोगों ने कहा कि उन्हें भी काम पर भेजा गया था। वाद में आरोप है कि सैकड़ों श्रमिकों का संभवत: शोषण किया गया।”

न्यूयॉर्क टाइम्स की मई की खबर में कहा गया था कि शिकायत में उन छह लोगों के नाम हैं जो धार्मिक वीजा ‘आर-1 वीजा’ पर 2018 की शुरुआत से अमेरिका लाए गए करीब 200 भारतीय नागरिकों में शुमार थे। इसमें कहा गया था कि “न्यू जर्सी वाले मंदिर निर्माण स्थल पर इन लोगों से अक्सर खतरनाक परिस्थितियों में कई घंटों” तक काम कराया जाता था।

इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल (आईसीडब्ल्यूआई) संगठन ने मई में पीटीआई-भाषा को दिए एक बयान में कहा था कि 11 मई को तड़के एफबीआई नीत छापेमारी में न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में स्वामीनारायण मंदिर परिसर से लगभग 200 श्रमिकों को निकाला गया, ‘जिनमें से ज्यादातर दलित, बहुजन और आदिवासी’ थे। यह अमेरिका का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर माना जाता है।

खबर में बताया गया कि संशोधित शिकायत में बीएपीएस के अधिकारियों पर, “देश के श्रम कानूनों तथा धोखाधड़ी युक्त एवं भ्रष्ट संगठन निषेध कानून के उल्लंघन” का आरोप लगाया गया है।”

भाषा

नेहा मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)