अमेरिका ने 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को प्रत्यपर्ण के तहत भारत भेजने को मंजूरी दी

अमेरिका ने 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को प्रत्यपर्ण के तहत भारत भेजने को मंजूरी दी

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  • Publish Date - February 14, 2025 / 08:43 AM IST,
    Updated On - February 14, 2025 / 08:43 AM IST

वाशिंगटन, 14 फरवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि उनके प्रशासन ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के लिए भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित और ‘बहुत बुरे’ व्यक्ति तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।

पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के एक मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। माना जाता है कि वह मुंबई के 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है।

अमेरिका की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे इंसानों में से एक और मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है। इसलिए, वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है।’’

जनवरी में अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने राणा की समीक्षा याचिका खारिज कर दी और उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी।

भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह राणा के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘‘अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने 21 जनवरी को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हम अब मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी को शीघ्र भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रक्रियागत मुद्दों पर अमेरिका के साथ काम कर रहे हैं।’’

पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों के एक समूह ने 26 नवंबर 2008 को अरब सागर के रास्ते मुंबई में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया। लगभग 60 घंटे तक जारी रहे इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और यहां तक ​​कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति भी बन गई थी।

नवंबर 2012 में पाकिस्तान आतंकवादी समूह के एकमात्र जीवित आतंकी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। भारत इस नृशंस हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है, लेकिन हमले के आरोपियों के खिलाफ अब तक मुकदमे की कार्रवाई बहुत आगे नहीं बढ़ पाई है।

भाषा संतोष

संतोष