वाशिंगटन, 22 जून (एपी) ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका के हमला करने के बाद विकिरण का खतरा पैदा हो गया है और स्वास्थ्य को समस्याएं पेश आ सकती हैं। हालांकि, उच्च स्तर पर विकिरण की अब तक कोई जानकारी नहीं है।
ईरान नतांज और फोर्दो में यूरेनियम का संवर्धन करता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सेना ने रविवार सुबह दोनों स्थलों के साथ-साथ एक तीसरे स्थल, इस्फहान पर भी बम गिराये। ईरान ने इन हमलों की पुष्टि की है।
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने हमलों के बाद एक बयान में कहा कि वह ‘‘इस बात की पुष्टि कर सकती है कि इस समय तक परमाणु स्थल से इतर विकिरण के स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है।’’
एजेंसी ने कहा कि जैसे-जैसे अधिक विवरण उपलब्ध होगा, यह ईरान में स्थिति पर आगे का आकलन मुहैया करेगा।
ईरान के नेताओं का कहना है कि उनका परमाणु कार्यक्रम परमाणु ऊर्जा दोहन के शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है। लेकिन अत्यधिक संवर्द्धित यूरेनियम का उपयोग परमाणु हथियारों के निर्माण में किया जाता है और इजराइल, ईरान को उन्हें प्राप्त करने से रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित है। यूरेनियम रेडियोधर्मी पदार्थ है।
आईएईए के अनुसार, तेहरान से लगभग 220 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित नतांज में यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्द्धित किया गया था जो हल्का रेडियोधर्मी स्तर है और परमाणु आयुध निर्माण के स्तर के करीब है। इजराइल ने हमलों में इस परमाणु केंद्र के ऊपरी हिस्से को नष्ट कर दिया।
नतांज परमाणु केंद्र का एक और हिस्सा जमीन के अंदर है जहां इसके ज़्यादातर ‘सेंट्रीफ्यूज’ हवाई हमलों से बचाने के लिए हैं।
आईएईए ने कहा कि उसका मानना है कि इनमें से ज़्यादातर या सभी ‘सेंट्रीफ्यूज’ इजराइली हमले में नष्ट हो गए।
विशेषज्ञों के अनुसार, ये ‘सेंट्रीफ्यूज’ पांच प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम संवर्द्धन कर रहे थे।
आईएईए के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने 16 जून को एजेंसी के बोर्ड की एक आपातकालीन बैठक में कहा था कि नतांज के अंदर रेडियोधर्मी और रासायनिक संदूषण की संभावना है, लेकिन परिसर के बाहर विकिरण का स्तर सामान्य बना हुआ है।
फोर्दो परमाणु संवर्द्धन स्थल तेहरान से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में एक पहाड़ के नीचे स्थित है और वह क़ोम शहर के निकट है।
ईरान अपने हथियार-स्तर के अधिकांश पदार्थ वहां बनाता है और इसी कारण इसे इजराइलियों के लिए बहुत बड़ा लक्ष्य माना जाता है। लेकिन इसकी भूमिगत स्थिति के कारण इस पर हमला करना मुश्किल था।
यही वजह है कि अमेरिका ने रविवार के हमलों में शक्तिशाली ‘‘बंकर बस्टर’’ बम गिराये।
विशेषज्ञों ने कहा कि फोर्दो पर हमले से होने वाला कोई भी संभावित विकिरण प्रभाव नतांज पर हुए प्रभाव के समान होने की संभावना है। संक्षेप में, मूल स्थल पर कुछ रासायनिक खतरे और कुछ विकिरण होंगे।
इजराइल ने पहले भी इस्फहान परमाणु स्थल पर चार इमारतों पर हमला किया था।
आईएईए ने कहा कि इस्फहान में विकिरण में वृद्धि का कोई संकेत नहीं मिला है। यह स्थान तेहरान से लगभग 350 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
एपी
राजकुमार सुभाष
सुभाष
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