यूएस कैपिटल पर अभूतपूर्व तरीके से हमले की तस्वीरों से पटा रहा अमेरिका मीडिया

यूएस कैपिटल पर अभूतपूर्व तरीके से हमले की तस्वीरों से पटा रहा अमेरिका मीडिया

यूएस कैपिटल पर अभूतपूर्व तरीके से हमले की तस्वीरों से पटा रहा अमेरिका मीडिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: January 7, 2021 8:15 am IST

न्यूयॉर्क, सात जनवरी (एपी) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा अमेरिकी संसद पर हमले की खबरें अमेरिकी मीडिया पर छाई रहीं और टेलीविजन पर स्तब्ध करने वाली तस्वीरें दिखाई जिनमें बंदूकों से लैस लोग प्रतिनिधि सभा में घुस रहे हैं और पुलिस के साथ हाथा-पाई कर रहे हैं।

सीएनएल के वुल्फ ब्लिट्जर ने कहा, ‘‘विश्वास करना मुश्किल था कि यह सब हो रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह अभूतपूर्व है, यह खतरनाक है और यह अमेरिका को बहुत असहज करने वाला है।’’

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पत्रकार कांग्रेस में राष्ट्रपति निर्वाचन मंडल के फैसले को सत्यापित करने और औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी प्रत्याशी जो बाइडन की जीत की घोषणा कवर करने के लिए जुटे थे। यह सामान्य घटना थी लेकिन इसे ट्रंप के राजनीतिक समर्थकों ने मतदान को चुनौती देकर तनावपूर्ण बना दिया।

संसद में चर्चा चल रही थी। इसी बीच मीडिया कर्मियों का ध्यान कांग्रेस के बाहर जमा भीड़ पर गया जो ट्रंप के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। ट्रंप समर्थक संसद भवन की सीढ़ियों पर चढ़ गए और उनमें से एक व्यक्ति ने तख्ती ली थी जिसपर लिखा था‘ ट्रंप के लिए लड़ें’।

मीडिया में तस्वीर आई की संसद भवन की इमारत में दाखिल होन के बाद सदन में सशस्त्र गतिरोध हुआ,नेताओं को बेंच के पीछे छिपना पड़ा और प्रदर्शनकारी इमारत की खिड़कियां तोड़ कर इमारत में दाखिल हो गए।

न्यूजमैक्स ने स्तब्ध करने वाली तस्वीर दिखाई जिसमें इमारत में पुलिस और दंगाई आमने सामने थे।

फॉक्स न्यूज चैनल के संवाददाता चाड पेरग्राम ने कहा, ‘‘भीड़ ने इलेक्ट्रल कालेज के फैसले के सत्यापित करने की प्रक्रिया बाधित कर दी है और कैपिटल की सुरक्षा असफल रही है।’’

एनबीसी के चक टोड ने कहा, ‘‘ यह स्तब्ध करने वाला है कि यह कितनी आसानी से हुआ।’’

एबीसी के प्रस्तोता जॉर्ज स्टेफेनोपॉलस ने कैपिटल के दरवाजों को तोड़ते हुए लोगों की तस्वीरें दिखाते हुए कहा, ‘‘ यह यूक्रेन नहीं है, यह बेलारूस नहीं है।’’

अमेरिका मीडिया के न्यूजरूम में इस बात पर बहस होती रही कि इस भीड़ को क्या कहा जाए, प्रदर्शनकारी, विरोध करने वाले या दंगाई।

सीएनएन के जेक टैपर ने कहा, ‘‘हम उन्हें आतंकवादी कहेंगे।’’

एनबीसी के लेस्टर हॉल्ट ने कहा, ‘‘इसमें कुछ तख्तापलट करने वाले तत्व शामिल हैं।’’

एपी धीरज शाहिद

शाहिद

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