अमेरिका के सबसे उम्रदराज, हांगकांग की सबसे तेज पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट से सुरक्षित लौटै

अमेरिका के सबसे उम्रदराज, हांगकांग की सबसे तेज पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट से सुरक्षित लौटै

अमेरिका के सबसे उम्रदराज, हांगकांग की सबसे तेज पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट से सुरक्षित लौटै
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: May 30, 2021 7:58 am IST

काठमांडू, 30 मई (एपी) माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले अमेरिका के सबसे उम्रदराज व्यक्ति बने शिकागो के एक सेवानिवृत्त वकील और दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी की सबसे तेज चढ़ाई करने वाली महिला पर्वतारोही बनी हांगकांग की एक शिक्षिका रविवार को सुरक्षित वापस लौट आए। दोनों माउंट एवरेस्ट से ऐसे वक्त में लौटे हैं जब चढ़ाई करने वाले दल खराब मौसम और कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से जूझ रहे हैं।

आर्थर मुइर (75) ने इस महीने की शुरुआत में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी और उन्होंने एक अन्य अमेरिकी बिल बुर्के का रिकॉर्ड तोड़ दिया जिन्होंने 67 वर्ष की उम्र में चढ़ाई की थी।

हांगकांग की 45 वर्षीय त्सांग यिन-हुंग 25 घंटों और 50 मिनट में आधार शिविर से माउंट एवरेस्ट पहुंची थीं और वह इस पर्वत श्रृंखला की सबसे तेजी से चढ़ाई करने वाली महिला पर्वतारोही बन गई। 10 घंटे और 56 मिनट में चढ़ाई करने का रिकॉर्ड शेरपा गाइड लक्पा गेलू के नाम पर है।

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मुइर को 2019 में पर्वतारोहण के एक वक्त एक दुर्घटना में टखने में चोट लग गई थी लेकिन यह भी उनके माउंट एवरेस्ट फतह करने के जज्बे को कम न कर सका। सेवानिवृत्त वकील ने कहा कि इस बार पर्वतरोहण के दौरान वह डरे हुए और चिंतित थे।

मुइर ने काठमांडू में पत्रकारों से कहा, ‘‘आप समझ सकते हैं कि कोई पर्वत कितना विशाल होता है, कितना खतरनाक होता, कितनी चीजें गलत हो सकती है। इससे आप बेचैन होते हैं और शायद थोड़ा डर भी जाते हैं।’’

मुइर ने दक्षिण अमेरिका और अलास्का की यात्राएं करने के साथ 68 वर्ष की उम्र में पर्वतारोहण शुरू किया।

विवाहित और तीन बच्चों के पिता मुइर के छह नाती-पोते हैं। उनके परिवार में एक बच्चे ने तब जन्म लिया जब वह पर्वत पर चढ़ रहे थे।

वहीं, त्सांग ने आधार शिविर के बीच केवल दो ठहराव लिए और 25 घंटे तथा 50 मिनट में सफर पूरा कर लिया।

उनकी किस्मत अच्छी रही कि उन्हें चढ़ते वक्त कोई पर्वतरोही नहीं मिला और उन्हें ऐसे ही पर्वतारोही मिले तो वापस उतर रहे थे जिससे उनकी गति कम नहीं हुई।

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के अनुकूल मौसम में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं।

त्सांग ने कहा, ‘‘मैं राहत और खुशी महसूस कर रही हूं क्योंकि मुझे रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद नहीं थी। मैं राहत महसूस करती हूं क्योंकि मैं अपने दोस्तों, अपने छात्रों को अपना काम साबित कर सकती हूं।’’

उन्होंने इससे पहले 11 मई को पर्वतारोहण की कोशिश की थी लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें मंजिल के बहुत करीब जाकर वापस लौटना पड़ा था।

कोरोना वायरस से लोगों के बीमार पड़ने की खबरों के बाद इस महीने एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले तीन दलों ने अपना अभियान रद्द कर दिया था लेकिन बाकी के 41 दलों ने मई में खत्म होने वाले मौसम से पहले पर्वतारोहण का फैसला किया।

एपी गोला शोभना

शोभना


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