अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया है. इस फैसले के साथ अमेरिका ग्लोबलवार्मिंग से मुकाबले में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों से अलग हो गया. ट्रंप का कहना है कि इस समझौते में भारत और चीन के लिए सख्त प्रावधान नहीं किए गए हैं, जबकि ये दोनों देस प्रदूषण रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. ट्रंप ने समझौते से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे नागरिकों के संरक्षण के अपने गंभीर कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हट रहा है. हम उससे हट रहे हैं और फिर से बातचीत शुरू करेंगे. ट्रंप ने आगे कहा कि वे चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते में अमेरिकी हितों के लिए एक उचित समझौता हो.
ट्रंप ने कहा कि नागरिकों के प्रति मेरे कर्तव्य के तहत, यूएस पेरिस क्लाइमेट कंट्रोल समझौते से बाहर जा रहा है. अच्छा विवेक एक ऐसे सौदे का समर्थन नहीं करता जो अमेरिका को सज़ा देता हो. अमेरिका का जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस एग्रिमेंट से हाथ खींचना बहुत दुखद है. इससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के वैश्विक प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को गहरा झटका लगेगा. UN के महासचिव को भरोसा है कि पेरिस एग्रीमेंट के बाकी सभी देश इस मसले पर अपना सहयोग जारी रखेंगे. यूएस के फैसले की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है. फ़्रांस, जर्मनी, इटली ने यूएस के इस कदम पर एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि पेरिस जलवायु समझौते पर फ़िर से बातचीत नहीं हो सकती. फ़्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है कि इस मसले पर कोई प्लान बी नहीं हो सकता क्योंकि कोई दूसरा प्लेनेट B का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.
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1 hour ago