इस अस्पताल में 30 सालों से पीने के लिए टॉयलेट के पानी का हो रहा था उपयोग, ऐसे खुली लापरवाही की पोल

इस अस्पताल में 30 सालों से पीने के लिए टॉयलेट के पानी का हो रहा था उपयोग : Use of toilet water for drinking in this hospital for 30 years

इस अस्पताल में 30 सालों से पीने के लिए टॉयलेट के पानी का हो रहा था उपयोग, ऐसे खुली लापरवाही की पोल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: November 10, 2021 9:43 pm IST

टोक्यो : toilet water for drinking अपने आप को टेक्नोलॉजी की दुनिया का बादशाह बताने वाले जापान इन दिनों सुर्खियों में है। इस बार टेक्नोलॉजी के नहीं बल्कि एक अस्पताल की करस्तानी के लिए सुर्खियों में है। दरअसल, यहां के एक अस्पताल में पिछले 30 सालों से जिस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था वह टॉयलेट का था। ये सुनकर भले ही आपकों हवा हवाई लगे, लेकिन ये हकीकत है। दरअसल, यह पूरा मामला जापान के ओसाका यूनिवर्सिटी अस्पताल का है।

read more : अस्पताल में भर्ती हुए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, कराएंगे गर्दन दर्द का इलाज 

toilet water for drinking खबरों के मुताबिक इस अस्पताल में पीने के लिए टॉयलेट के पानी का उपयोग किया जा रहा था। पानी की समय-समय पर जांच भी होती रहती थी लेकिन कभी इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि पानी की क्वालिटी खराब है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से लोगों को लगा कि पानी का स्वाद सही नहीं आ रहा है इसके बाद जब फिर से पानी की जांच कराई गई तो पूरी पोल खुल गई।

 ⁠

read more : रेलयात्रियों के लिए खुशखबरी! अब यात्रा हो जाएगी सस्‍ती, ट्रेनों से हटेगा स्‍पेशल टैग, रेल मंत्री ने कही ये बात

जांच में यह पाया गया कि अस्पताल परिसर के पानी के नलों का कनेक्शन गलत है। इस मामले की आगे की जांच में पता चला है कि पीने के पानी के पाइप टॉयलेट से जुड़े हुए थे। इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पानी के पाइप्स का यह गलत कनेक्शन पिछले 30 सालों से है। यह तबसे है जब 1993 में यह अस्पताल खुला था। अस्पताल के करीब 120 नलों में यह खराबी बताई गई है।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।