वैटिकन ने नोबेल पुरस्कार विजेता बिशप पर यौन शोषण के आरोप के चलते लगाया प्रतिबंध |

वैटिकन ने नोबेल पुरस्कार विजेता बिशप पर यौन शोषण के आरोप के चलते लगाया प्रतिबंध

वैटिकन ने नोबेल पुरस्कार विजेता बिशप पर यौन शोषण के आरोप के चलते लगाया प्रतिबंध

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : September 30, 2022/2:28 pm IST

वैटिकन सिटी, 30 सितंबर (एपी) वैटिकन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने ईस्ट तिमोर के स्वतंत्रता नायक और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बिशप कार्लोस शीमेनेस बेलो पर प्रतिबंध लगा दिया था जिन पर 1990 के दशक में बच्चों का यौन शोषण करने का आरोप है।

डच पत्रिका ‘डी ग्रोन एम्स्टरडैमर’ द्वारा कैथलिक बिशप पर आरोप लगाने के एक दिन बाद वैटिकन ने यह फैसला लिया। पत्रिका में दो पीड़ितों का उल्लेख किया गया है जिनका कथित तौर पर बेलो ने यौन शोषण किया था। पत्रिका ने दावा किया है कि ईस्ट तिमोर में कई अन्य बच्चों के साथ भी बेलो ने दुराचार किया था लेकिन चर्च के प्रभाव के कारण पीड़ित सामने नहीं आए।

वैटिकन के प्रवक्ता मट्टेओ ब्रूनी ने कहा कि यौन शोषण के मामले देखने वाले कार्यालय को 2019 में बिशप के विरुद्ध आरोपों की जानकारी मिली थी और इसके एक साल के भीतर ही प्रतिबंध लगा दिए गए थे। बेलो की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी और मंत्री के तौर पर काम करने पर पाबंदी लगा दी गई थी।

इस दौरान वह नाबालिगों तथा ईस्ट तिमोर से कोई संपर्क नहीं रख सकते थे। ब्रूनी ने एक बयान में कहा कि नवंबर 2021 में इन पाबंदियों में और बदलाव किये गए और उन्हें दोबारा लागू किया गया। उन्होंने कहा कि बेलो ने दोनों बार सजा को स्वीकार किया।

बेलो के आचरण की खबर से ईस्ट तिमोर में कैथोलिक समुदाय के लोग स्तब्ध हैं जहां उन्हें इंडोनेशिया से देश की मुक्ति के लिए लड़ने वाले नायक के रूप में देखा जाता है।

ईस्ट तिमोर में दिली आर्चडायोसीज के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, “हमें यह खबर सुनकर झटका लगा है।”

अन्य लोगों ने कहा कि वे देश के लिए योगदान देने वाले बेलो के समर्थन में खड़े हैं। युवाओं के संगठन ‘नवंबर 12 समिति’ के अध्यक्ष ग्रेगोरिउ सलदान्हा ने कहा, “हम बिशप कार्लोस शीमेनेस बेलो पर लगाए गए आरोपों के कारण वैटिकन द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकार करते हैं, चाहे वह सही हों या गलत।”

उन्होंने दिली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम बिशप बेलो का समर्थन करते हैं क्योंकि हम मानते हैं कि एक मनुष्य के तौर पर बेलो की कमजोरियां हो सकती हैं। अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो इसके लिए वह जिम्मेदार हैं, इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है।”

उन्होंने कहा, “हम उनकी दयालुता को नजरअंदाज नहीं कर सकते और उन्होंने ईस्ट तिमोर के लोगों के लिए जो कुछ भी किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। बेलो हमारे स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा हैं। उन्होंने कैथोलिक चर्च के नेता के रूप में जनांदोलन का सहयोग किया था।”

डी ग्रोन एम्स्टरडैमर ने दो पीड़ितों के नाम उजागर किये और उनका बयान प्रकाशित किया है जिनका कथित तौर पर बेलो ने यौन शोषण किया था। पत्रिका ने कहा कि कुछ और बच्चों का भी बेलो ने यौन शोषण किया था।

बेलो को 1996 में ईस्ट तिमोर के स्वतंत्रता सेनानी जोस रामोस होरता के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।

एपी यश मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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