ट्रंप के नेतृत्व में वाशिंगटन की नई नीति से यूरोप में खलबली, जेलेंस्की और शोल्ज का कड़ा रुख

ट्रंप के नेतृत्व में वाशिंगटन की नई नीति से यूरोप में खलबली, जेलेंस्की और शोल्ज का कड़ा रुख

ट्रंप के नेतृत्व में वाशिंगटन की नई नीति से यूरोप में खलबली, जेलेंस्की और शोल्ज का कड़ा रुख
Modified Date: February 15, 2025 / 09:03 pm IST
Published Date: February 15, 2025 9:03 pm IST

म्यूनिख, 15 फरवरी (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत वाशिंगटन की नई नीतियों से मची खलबली को लेकर शनिवार को दो शीर्ष यूरोपीय नेताओं ने अपना रुख कड़ा करते हुए आलोचना की है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ‘यूरोप की सशस्त्र सेना’ के गठन का आग्रह किया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक जर्मन दक्षिणपंथी नेता से मिलने के बाद जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने अपने चुनाव में दखल देने को लेकर उनकी निंदा की।

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दूसरे दिन जेलेंस्की और शोल्ज के तीखे भाषण ट्रंप के फैसलों के परिणाम के रूप में सामने आए। ट्रंप के फैसलों की गूंज अमेरिका के साथ-साथ यूरोप में भी सुनाई दे रही है विशेष रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने से जुड़ी उनकी उम्मीद और महाद्वीप के कथित सहयोगियों की सहायता करने की चाहत।

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अधिक शक्तिशाली और ताकतवर यूरोप की अपनी इच्छा को आगे बढ़ाते हुए जेलेंस्की ने कहा कि हमलावर रूसी सेना के खिलाफ यूक्रेन की तीन साल की लड़ाई ने साबित कर दिया है कि यूरोपीय सेना के निर्माण के लिए एक आधार मौजूद है, जिस पर इस महाद्वीप के कुछ नेताओं के बीच लंबे समय से चर्चा हो रही है।

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में लगता है कि समय आ गया है। यूरोप की सशस्त्र सेना का गठन किया जाना चाहिए।’’

यह स्पष्ट नहीं है कि यह विचार यूरोपीय नेताओं को पसंद आएगा या नहीं। जेलेंस्की ने वर्षों से यूरोपीय संघ से अधिक सैन्य और आर्थिक सहायता मांगी है और बार-बार चेतावनी दी है कि यूरोप के अन्य हिस्से भी रूस की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं के लिहाज से संवेदनशील हो सकते हैं।

जेलेंस्की ने इस सप्ताह ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई फोन पर बातचीत का जिक्र किया, जिसके बाद ट्रंप ने कहा कि वह और पुतिन यूक्रेन पर शांति समझौते पर बातचीत करने के लिए जल्द ही मिलेंगे। ट्रंप ने बाद में जेंलेंस्की से कहा कि युद्ध को समाप्त करने के लिए उन्हें भी बातचीत में शामिल होना चाहिए, लेकिन यूक्रेनी नेता ने जोर देकर कहा कि यूरोप को भी बातचीत में शामिल किया जाना चाहिए।

ज़ेलेंस्की ने कहा, ‘‘यूक्रेन हमारी पीठ पीछे हमारी भागीदारी के बिना किए गए सौदों को कभी स्वीकार नहीं करेगा, और यही नियम पूरे यूरोप पर लागू होना चाहिए।’’

जर्मन चांसलर ने वेंस को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इसके पहले जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि वह ‘यूक्रेन की संप्रभु स्वतंत्रता को बनाए रखने’ के लिए अमेरिका के साथ साझा प्रतिबद्धता से ‘प्रसन्न’ हैं और ट्रंप की इस बात से सहमत हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होना चाहिए।

लेकिन शोल्ज ने वाशिंगटन के नए राजनीतिक कदम पर भी निशाना साधा। उन्होंने धुर दक्षिणपंथ के खिलाफ अपने कड़े रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि उनका देश ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं करेगा जो ‘हमारे लोकतंत्र में हस्तक्षेप करते हैं’ – उनका इशारा अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की टिप्पणियों की ओर था, जिन्होंने यूरोपीय नेताओं को लोकतंत्र के प्रति उनके दृष्टिकोण को लेकर फटकार लगाई थी।

जर्मनी में 23 फरवरी को होने वाले चुनावों से पहले सर्वेक्षणों से पता चलता है कि धुर दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) पार्टी (जिसके सह-नेता ने शुक्रवार को वेंस से मुलाकात की) वर्तमान में दूसरे स्थान पर है, जो शोल्ज की पार्टी ‘सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी’ से आगे है।

एपी संतोष दिलीप

दिलीप


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