लक्जमबर्ग, दो सितंबर (एपी) उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) रूस द्वारा नागरिक उड़ानों में बाधा डालने की कोशिशों को नाकाम करने पर काम कर रहा है। नाटो प्रमुख ने मंगलवार को यह बात कही।
इससे दो दिन पहले यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन को ले जा रहे एक विमान ने बुल्गारियाई हवाई क्षेत्र के ऊपर बीच आकाश में ‘जीपीएस नेविगेशन’ का इस्तेमाल करने की क्षमता खो दी थी।
विमान रविवार को सुरक्षित उतर गया, लेकिन बुल्गारियाई अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि इस बाधा (जाम करना) के पीछे रूस का हाथ है।
लक्जमबर्ग में नाटो महासचिव मार्क रूट ने कहा, ‘‘इसे बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम इसका मुकाबला करने, इसे रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं कि वे ऐसा दोबारा न कर सकें।’’ उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।
ना तो रूस और ना ही वॉन डेर लेयेन ने इस घटना पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी की है। यूरोपीय संघ और नाटो अलग-अलग संस्थाएं हैं जिनके सदस्य देशों के अलग-अलग समूह हैं, लेकिन यूरोप की सुरक्षा दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
रूट ने कहा कि बाधा डालना (जैमिंग) बाल्टिक सागर में समुद्र के नीचे केबल काटना, एक जर्मन उद्योगपति की हत्या की साजिश और ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा पर साइबर हमला करने जैसे ‘हाइब्रिड खतरों’ से जुड़े रूस के एक जटिल अभियान का हिस्सा था।
रूस की ओर से होने वाले हस्तक्षेप में ‘जैमिंग’ और ‘स्पूफिंग’ शामिल हैं। जैमिंग का अर्थ एक मजबूत रेडियो सिग्नल संचार को बाधित करना है, जबकि ‘स्पूफिंग’ रिसीवर को यह सोचने के लिए गुमराह करता है कि वह किसी अलग स्थान पर या भूतकाल या भविष्यकाल में है।
रूट ने कहा, ‘‘रूसियों से खतरा हर दिन बढ़ रहा है। एक दिन इसमें लक्जमबर्ग भी शामिल हो सकता है, यह नीदरलैंड तक भी पहुंच सकता है।’’ उन्होंने कहा कि नवीनतम रूसी मिसाइल तकनीक के साथ अग्रिम पंक्ति के लिथुआनिया और लक्जमबर्ग, द हेग या मैड्रिड के बीच अब पांच से दस मिनट का अंतर है, क्योंकि इस मिसाइल को यूरोप के इन हिस्सों तक पहुंचने में इतना ही समय लगता है।
एपी
संतोष नरेश
नरेश